संभल हिंसा मामला: योगी सरकार ने किया बड़ा फैसला, तीन सदस्यों की न्यायिक आयोग का किया गठन, दो महीने में रिपोर्ट आएगी सामने
- योगी सरकार ने लिया है बड़ा फैसला
- तीन सदस्यीय न्यायिक का गठन
- दो महीने में मिलेगी रिपोर्ट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संभल में हिंसा के चलते योगी सरकार सख्त रुख अपनाती हुई नजर आ रही है। योगी सरकार ने इसकी जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया है। योगी सरकार ने इलाहबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस डीके अरोड़ा की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की न्यायिक आयोग का गठन किया है। जिसमें रिटायर्ड जस्टिस डीके अरोड़ा, रिटायर्ड आईएएस अमित मोहन प्रसाद और पूर्व डीजीपी एके जैन शामिल हैं।
दो महीने में सौंपी जाएगी रिपोर्ट
तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग जांच करेगा कि संभल में हुई हिंसा सोची समझी साजिश थी या फिर घटना थी। साथ ही संभल हिंसा में शामिल हुए लोगों की भूमिका के बारे में भी जांच करेगा। आयोग के पास दो महीने हैं, जिसमें आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। इसके अलावा, आयोग ऐसी घटनाओं को भविष्य में रोकने के लिए भी सरकार को सुझाव देगा।
सुप्रीम कोर्ट में कब होगी?
सुप्रीम कोर्ट में आज संभल मामले की सुनवाई होने वाली है। संभल के शाही जामा मस्जिद की मैनेजमेंट कमेटी ने याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट आज करेगा। इस याचिका में जिला अदालत के 19 नवंबर के आदेश को भी चुनौती दी गई थी। जिसमें सर्वे के आदेश दिए गए थे। संभल में 19 नवंबर के बाद से ही माहौल चिंताजनक चल रहा है। वहीं आज जुम्मे की नमाज के चलते कोई परेशानी ना आए, इसके लिए पुलिसबलों की संख्या बढ़ा दी गई है।
जुमे की नमाज के लिए पैदल मार्च
मुरादाबाद के कमिश्नर आंजनेय सिंह ने बताया, जुम्मे की नमाज के चलते गुरुवार को पैदल मार्च किया गया है। साथ ही पीस कमेटी से मीटिंग भी की है। उन्होंने कहा है कि कोशिश है कि लोग अपनी ही मस्जिदों में अपनी नमाज पढ़ें। आंजनेय सिंह ने आगे कहा है कि संभल में पर्याप्त फोर्स है जो संवेदनशील जगहों प फोर्स मौजूद की है। जिसके चलते हर जगह शांति रहेगी।