किसान की बेटी ने रेतीली जमीन पर जम कर लगाए चौके छक्के, बैटिंग का हुनर देख कर क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर भी रह गए दंग
तारीफ करने पर मजबूर तेंदुलकर किसान की बेटी ने रेतीली जमीन पर जम कर लगाए चौके छक्के, बैटिंग का हुनर देख कर क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर भी रह गए दंग
- सचिन ने की ममूल की तारीफ
डिजिटल डेस्क, जयपुर। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें एक युवती क्रिकेट खेलते हुए नजर आ रही है। वो अपने बल्ले से लगातार चौके - छक्कों की बारिश करते हुए दिखाई दे रही है। इस युवती के वीडियो को आम से लेकर खास सभी पसंद कर रहे हैं। वायरल हो रहा वीडियो राजस्थान का बताया जा रहा है। क्रिकेट खेल रहे युवती का नाम ममूल मेहर है। जो पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जिले के शिव उपखंड क्षेत्र की रहने वाली हैं। जो सरकारी स्कूल की आठवीं कक्षा की छात्र है। राजस्थान की रेतीले जमीन पर छक्के-चौके बरसाने वाली ममूल की तारीफ क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने भी की है।
सचिन ने की ममूल की तारीफ
ममूल मेहर एक गरीब परिवार की रहने वाली हैं। इनके पिता किसानी करके अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। ऐसे माहौल में भी ममूल की प्रतिभा को चमकने से कोई रोक नहीं सका। जिसकी चमक सचिन तेंदुलकर तक पहुंची। किक्रेट जगत के दिग्गज बल्लेजबाज रहे सचिन ने भी ममूल की तारीफ करने से अपने आप को रोक नहीं पाए। सचिन ने फेसबुक पर वीडियो शेयर करके लिखा "कल ही महिला टीम की नीलामी हुई और आज मैच भी शुरू? क्या बात है। वास्तव में आपकी बल्लेबाजी का लुत्फ उठाया।"
मंत्रियों ने भी की तारीफ
इस वीडियो को देखकर राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया और जैसलमेर सांसद केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने भी जमकर तारीफ की है। उन्होंने ट्विटर पर ममूल की खूब सरहाना करते हुए लिखा अक्सर वही लोग खामोश रहते हैं जिनके अंदर हुनर रहता है। बता दें कि, सतीश पूनिया ने लड़की की मदद भी की है। वीडियो में ममूल को देख स्टार क्रिकेटर सूर्यकुमार की याद आ जा रही है। ममूल के शॉट्स देखकर लोगों को टीम इंडिया के तूफानी बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव की भी याद आ रही है। जिस तरह सूर्यकुमार अपने विरोधी टीम के बॉल पर चौके-छक्के लगाते हैं, वैसे ही ममूल को भी शॉर्ट लगाते हुए देखा जा सकता है।
कौन है ममूल मेहर?
ममूल मेहर राजस्थान की रहने वाली हैं। ममूल का होम टाउन बाड़मेर है। मामूल की सात बहने और दो भाई हैं। ममूल ग्रामीण ओलंपिक खेल में जिला स्तर तक खेल चुकी हैं। इनकी प्रतिभा के चलते इलाके में इनकी खूब लोकप्रियता है। इनके पिता मठार खान हैं। जो पेशे से एक किसान हैं। घर की हालत इतनी खराब है कि खेलने के लिए जूते तक नहीं है। राजस्थान सरकार को ममूल की प्रतिभा को देखते हुए उनकी मदद करनी चाहिए। ताकि देश का नाम वह रोशन कर सके।