ईडी ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा: 12 जुलाई तक कार्ति को नहीं करेंगे गिरफ्तार

नई दिल्ली ईडी ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा: 12 जुलाई तक कार्ति को नहीं करेंगे गिरफ्तार

Bhaskar Hindi
Update: 2022-06-24 14:01 GMT
ईडी ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा: 12 जुलाई तक कार्ति को नहीं करेंगे गिरफ्तार
हाईलाइट
  • अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. जांच एजेंसी की ओर से राजू पेश हुए

डिजिटल डेस्क,  नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को अवगत कराया कि 2011 में चीनी नागरिकों को वीजा आवंटन से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एजेंसी 12 जुलाई तक कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तार नहीं करेगी। यह घटनाक्रम तब आया, जब न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने जांच एजेंसी को बताया कि अदालत मामले से निपटने में सक्षम नहीं है और इसे 12 जुलाई के लिए निर्धारित किया गया है। सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने अदालत को सूचित किया कि केंद्रीय एजेंसी अगले सुनवाई के दिन तक कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तार नहीं करेगी। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. जांच एजेंसी की ओर से राजू पेश हुए।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति ने निचली अदालत द्वारा उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। 3 जून को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने कार्ति चिदंबरम और मामले में कांग्रेस सांसद के चार्टर्ड एकाउंटेंट, एस. भास्कर रमन और थर्मल पावर प्लांट तलवंडी साबो पावर के एसोसिएट उपाध्यक्ष विकास मखरिया सहित अन्य आरोपी व्यक्तियों द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया था।

पिछली सुनवाई में वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी थी कि कथित लेन-देन 2011 का है और ईडी ने लंबे समय के बाद मामला दर्ज किया है, यह इंगित करते हुए कि इन सभी वर्षों में कोई जांच नहीं हुई है। वकील ने यह भी तर्क दिया कि कथित लेनदेन का मूल्य 50 लाख रुपये है, जो कि 1 करोड़ रुपये से कम है और इस तथ्य के मद्देनजर उन्हें जमानत दी जानी चाहिए। प्राथमिकी के अनुसार, मानसा स्थित तलवंडी साबो पावर लिमिटेड ने एक बिचौलिए की मदद ली और कथित तौर पर चीनी नागरिकों को समय सीमा से पहले एक परियोजना को पूरा करने के लिए वीजा जारी करने के लिए 50 लाख रुपये का भुगतान किया।

एफआईआर में कहा गया है कि उक्त रिश्वत का भुगतान मानसा स्थित निजी कंपनी से चेन्नई में एक निजी व्यक्ति और उसके करीबी सहयोगी को मुंबई स्थित एक कंपनी के माध्यम से परामर्श के लिए उठाए गए झूठे चालान के भुगतान के रूप में और चीनी वीजा संबंधी कार्यों के लिए जेब से खर्च किया गया था।

 

  (आईएएनएस)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Tags:    

Similar News