ईडी का खुलासा: यूपी में PFI ने पैसे देकर भड़काई थी हिंसा, 73 बैंक खातों में जमा किए गए थे 120 करोड़ रुपए
ईडी का खुलासा: यूपी में PFI ने पैसे देकर भड़काई थी हिंसा, 73 बैंक खातों में जमा किए गए थे 120 करोड़ रुपए
- कई नामी वकीलों के नाम उजागर
- जिनके खातों में रकम डाली गई
- प्रवर्तन निदेशायल (ईडी) ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया
- हिंसात्मक प्रदर्शन में पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का हाथ
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशायल (ईडी) ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि उत्तरप्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शन में पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का हाथ है। PFI ने उत्तरप्रदेश में हिंसा भड़काने के लिए प्रदर्शनकारियों को पैसे पहुंचाए थे। ईडी ने रिपोर्ट में दावा किया है कि जिन इलाकों में CAA के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हिंसा हुई थी, वहां PFI के हाथ होने के तार जुड़े हैं। रिपोर्ट में बताया कि प्रदर्शन के दौरान 73 बैंक खातों में 120 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम जमा की गई थी। हालांकि PFI ने ऐसी खबरों को गलत बताया है।
कपिल सिब्बल का नाम भी शामिल
ईडी ने रिपोर्ट में देश के कई नामी वकीलों के नाम का खुलासा किया है, जिनके खातों में बड़ी मात्रा में रकम डाली गई है। इनमें कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल और इंदिरा जयसिंह का नाम भी शामिल है। गृह मंत्रालय को पत्र लिखते हुए ईडी ने बैंक खातों में ट्रांसफर पैसा और हिंसा की तारीखों के बीच संबंध जोड़ने की कोशिश की है। पिछले साल दिसंबर में यूपी के कई स्थानों पर सीएए के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था।
सिब्बल ने दी सफाई, कहा— हादिया केस के लिए प्रोफेशनल फीस ली
ईडी की रिपोर्ट में नाम आने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने हादिया का केस लड़ा था, जिसके बदले उन्होंने 2017 और 2018 के बीच प्रोफेशनल फीस ली थी। सीएए से इसका कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि सीएए से जुड़े मामलों का केस लड़ने पर उन्होंने एक पैसा फीस नहीं ली। कपिल सिब्बल ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि जब उन्होंने प्रोफेशनल फीस ली थी तब उन्हें पता नहीं था कि अमित शाह गृह मंत्री बनेंगे और संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक पास हो जाएगा।
Kapil Sibal, Congress: But I think there is a motive behind it. The motive is very simple destroy people"s reputation by lies, lies more lies. This seems to be part of their propaganda machine, supported by this govt and taken over by media "bhakts" on social media. https://t.co/dNueLoBkct
— ANI (@ANI) January 27, 2020
73 खातों में करीब 120 करोड़ भेजे गए थे
ईडी ने रिपोर्ट में बताया कि दिसंबर में संसद से CAA पास होने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बिजनौर, हापुड़, बहराइच, शामली और डासना के कई बैंक खातों में पैसे भेजे गए थे। इन इलाकों में हिंसात्मक प्रदर्शन हुए थे। रिपोर्ट के अनुसार, 73 बैंक खातों में करीब 120 करोड़ रुपये भेजे गए थे। इन पैसों का इस्तेमाल विरोध-प्रदर्शनों की फंडिंग के लिए किया गया था।
भाजपा ने मामले की जांच करने को कहा
इस रिपोर्ट के खुलासे के बाद बीजेपी ने कहा है कि इस मामले की जांच होनी चाहिए। बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर कोई खास दिन इस तरह का वित्तीय लेनदेन हुआ है तो इसकी जांच होनी चाहिए।
PFI ने किया इनकार
PFI के महासचिव मोहम्मद अली जिन्ना ने कहा कि हम CAA प्रदर्शनों को भड़काने के लिए PFI के वित्तीय लिंक से संबंधित न्यूज रिपोर्ट की निंदा करते हैं। रिपोर्ट में 73 बैंक खातों को पीएफआई से जोड़ने और यह कहना कि 120 करोड़ रुपए से ज्यादा इसमें ट्रांसफर किए गए, जिनका इस्तेमाल ऐंटी-CAA प्रदर्शनों में हुआ, गलत है।