ईडी ने पीएमएलए मामले में एसकेएसटीपीएल की 37.38 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की
नई दिल्ली ईडी ने पीएमएलए मामले में एसकेएसटीपीएल की 37.38 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की
- ईडी द्वारा फंड ट्रेल की जांच से पता चलता है कि ऋण की राशि नकद में निकाली गई थी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि उसने श्री कृष्णा स्टॉकिस्ट्स एंड ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड (एसकेएसटीपीएल) और इसके निदेशकों द्वारा की गई बैंक धोखाधड़ी से संबंधित धन शोधन रोकथाम मामले में 37.38 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति (जमीन और इमारतों के रूप में) कुर्क की है।
ईडी ने उधार देने वाले बैंकों की शिकायतों पर सीबीआई द्वारा दायर तीन प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की। इंडस्ट्रियल फाइनेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (आईएफसीआई लिमिटेड), इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया (आईडीबीआई) और केनरा बैंक ने शिकायत की थी कि एसकेएसटीपीएल और श्री कृष्णा एग्रीप्रोसेस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एसकेएआईपीएल) ने अपने निदेशकों के माध्यम से बड़ी मात्रा में ऋण लिया था।
आरोप लगाया गया है कि कंपनी की ओर से अवैध तरीके से गढ़ी हुई बैलेंस शीट, गिरवी रखी गई संपत्तियों की जाली और सकल रूप से बढ़ी हुई मूल्यांकन रिपोर्ट, मनगढ़ंत कार्य अनुमान (वर्क एस्टिमेट) की बुनियाद पर यह ऋण लिया गया था। इसके बाद कर्ज का पैसा डायवर्ट किया गया और खाता एनपीए हो गया, जिससे बैंकों को 528.26 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ।
ईडी की जांच ने स्थापित किया कि एसकेएसटीपीएल और एसकेएआईपीएल के प्रबंध निदेशक थोटा कन्ना राव ने 2014-15 की अवधि के दौरान आईएफसीआई, आईडीबीआई और केनरा बैंक से 313 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाएं हासिल की थीं। कृषि उपज के संरक्षण, प्रसंस्करण और पुनर्विक्रय के लिए भंडारण सुविधा के निर्माण के लिए ऋण सुविधाओं का लाभ उठाया गया था।
आरोप है कि राव ने खातों के रिकॉर्ड में भी हेराफेरी की और फर्जी काम पूरा करने के प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कामयाब रहे और इसे वित्तीय लेनदार को सौंपे गए ऋण को सही ठहराने के लिए प्रस्तुत किया। ईडी द्वारा फंड ट्रेल की जांच से पता चलता है कि ऋण की राशि नकद में निकाली गई थी और आरोपी द्वारा विभिन्न भूमि पार्सल खरीदने के लिए लॉन्ड्रिंग की गई थी। ईडी ने 57 भूमि संपत्तियों की पहचान की है जो ज्यादातर आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले में स्थित हैं, जिन्हें 37.38 करोड़ रुपये में अधिग्रहित किया गया था। इन संपत्तियों को अब कुर्क कर लिया गया है।
(आईएएनएस)
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