Earthquake: दिल्ली-NCR में महसूस किए गए भूकंप के झटके, रिक्टर पैमाने पर 4.3 मापी गई तीव्रता
Earthquake: दिल्ली-NCR में महसूस किए गए भूकंप के झटके, रिक्टर पैमाने पर 4.3 मापी गई तीव्रता
- गुरुवार रात 11.45 बजे महसूस किए गए झटके
- दिल्ली-NCR के कुछ क्षेत्रों में भूकंप के झटके
- रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.2 रही
- लॉकडाउन से अब तक दिल्ली में 10 से ज्यादा भूकंप आ चुके हैं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली-NCR में गुरुवार रात करीब 11.45 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 थी और इसका केंद्र गुरुग्राम से 48 किलोमीटर दूर दक्षिण-पश्चिम में था। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार दिल्ली के कुछ हिस्सों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। फिलहाल जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
बता दें कि इससे पहले 2 दिसंबर को तड़के 4 बजकर 5 मिनट पर दिल्ली-एनसीआर में हल्के भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.7 थी। गाजियाबाद में भूकंप का केंद्र था। इस साल दिल्ली-एनसीआर में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। अप्रैल के बाद दिल्ली-एनसीआर में इस बार 15 से ज्यादा बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस दौरान भूकंप का केंद्र दिल्ली के आसपास के इलाकों में ही था।
जब से लॉकडाउन हुआ है तब से लेकर अब तक दिल्ली में 10 से ज्यादा भूकंप आ चुके हैं और उनका केंद्र भी एनसीआर के आसपास ही रहा है। कुछ समय पहले वैज्ञानिकों ने हिमालय में बड़े भूकंप की आशंका व्यक्त की थी और कहा था कि हिमालय पर्वत शृंखला में सिलसिलेवार भूकंपों के साथ बड़ा भूकंप कभी भी आ सकता है। इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर आठ या उससे भी अधिक हो सकती है।
देश के वरिष्ठ वैज्ञानिक पहले ही आशंका जता चुके हैं कि दिल्ली और उसके आसपास के इलाके में कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है। भूकंप की निगरानी करने वाली देश की सर्वोच्च संस्था द नेशनल सेंटर ऑफ सीसमोलॉजी ने बताया कि बीते कुछ महीनों में दिल्ली में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। जवाहरलाल नेहरू सेंटर ऑफ एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च में प्रोफेसर सीपी राजेंद्रन ने आशंका जताई है कि दिल्ली-एनसीआर में कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है, लेकिन ये कब आएगा और कितना ताकतवर होगा, ये कह पाना मुश्किल है। राजेंद्रन ने ये बातें एक अंग्रेजी वेबसाइट को दिए गए इंटरव्यू में कहीं।
सीपी राजेंद्रन ने 2018 में एक स्टडी की थी, जिसके मुताबिक साल 1315 और 1440 के बीच भारत के भाटपुर से लेकर नेपाल के मोहाना खोला तक 600 किलोमीटर लंबी सीसमिक गैप बन गई थी। यानी जमीन के अंदर एक बड़ा गैप बन गया है। यह एक सक्रिय भूकंपीय फॉल्ट है। सीपी राजेंद्रन ने बताया कि इस गैप में आमतौर पर कोई हलचल नहीं दिखती। इस पर छोटे-छोटे झटके आते रहते हैं। पिछले 600-700 सालों से ये गैप शांत है, लेकिन इस पर लगातार भूकंपीय दबाव बन रहा है। हो सकता है कि यह दबाव भूकंप के तौर पर सामने आए। अगर यहां से भूकंप आता है तो यह 8.5 तीव्रता तक हो सकता है।