DRDO ने किया सरफेस-टू-एयर मिसाइल का सफल परिक्षण, कई गुना बढ़ेगी Indian Navy की ताकत
DRDO ने किया सरफेस-टू-एयर मिसाइल का सफल परिक्षण, कई गुना बढ़ेगी Indian Navy की ताकत
- 2022 तक भारतीय नौसेना में किया जा सकता है शामिल
- दुश्मन के हमलों को कर सकती है इंटरसेप्ट
- रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO को दी बधाई
डिजिटल डेस्क, चांदीपुर। भारत की रक्षा से जुड़े अनुसंधान कार्यों को करने वाली रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने सोमवार को ओडिशा के चांदीपुर में स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज पर शॉर्ट रेंज मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह मिसाइल जमीन से हवा में वार कर सकती है। परीक्षण के समय मिसाइल ने अपने निशाने को तय समय में नष्ट किया। भारतीय नौसेना के लिए बनाई जा रही सरफेस-टू-एयर मिसाइल (VL-SRSAM) पूरी तरह से स्वदेशी है। इसे आसमानी हमलों का मुंहतोड जवाब देने के लिए भारतीय नौसेना को सौंपा जाएगा। मिसाइल का परीक्षण कम से कम और अधिकतम रेंज के लिए किया गया था। जिसमें DRDO ने सफलता हासिल कर ली है।
2022 तक भारतीय नौसेना में किया जा सकता है शामिल
सूत्रों की माने तो शॉर्ट रेंज VL-SRSAM को में 2022 तक भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा। मिसाइल का ऑपरेशनल रेंज 40 से 50 किलोमीटर है और इसका निर्माण अस्त्र मिसाइल के प्लेटफॉर्म पर किया गया है। फिलहाल DRDO ने इसकी गति का खुलासा नहीं किया है। लेकिन, ये माना जा रहा है कि यह 4.5 मैक यानी 5556.6 किमी प्रतिघंटा की गति से दुश्मन पर हमला कर सकेगी।
Indigenously designed developed Vertical Launch Short Range Surface to Air Missile (VL-SRSAM) by DRDO for Indian Navy has undergone two successful launches today. The missile is capable of neutralizing various aerial threats at close ranges. pic.twitter.com/dPaVRlrmlt
— DRDO (@DRDO_India) February 22, 2021
दुश्मन के हमलों को कर सकती है इंटरसेप्ट
इस मिसाइल में लगा वेपन कंट्रोल सिस्टम 360 डिग्री में दुश्मन द्वारा किए जाने वाले हमलों काे इंटरसेप्ट कर सकता है। इतना ही नहीं यह उन्हें नष्ट भी कर सकता है। यानी अगर देखा जाए तो यह मिसाइल जहां तैनात की जाएगी, वहां हमला करना असंभव हो जाएगा।
मिसाइल में वेपन कंट्रोल सिस्टम लगा है
VL-SRSAM में वेपन कंट्रोल सिस्टम (WCS) भी लगा हुआ है, जो इसके ऊपर लगाए गए हथियार को नियंत्रित करता है। एक निशाने को मारने की क्षमता के साथ-साथ यह मिसाइल फ्रैगमेंटेट वॉरहेड की मदद से एक साथ कई निशाने भी लगा सकती है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO को दी बधाई
जब इस मिसाइल का परीक्षण हो रहा था, तब चांदीपुर प्रशासन ने लॉन्चपैड के आस पास इलाके में मौजूद पांच बस्तियों के 6322 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया था। जिसे अगर किसी तरह का हादसा हो तो ये लोग सुरक्षित रहें। बता दें कि मिसाइल के सफल परिक्षण के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO को मिशान की सफलता के लिए बधाई दी।