देवेन्द्र फडणवीस को सरकार बनाने का न्योता, 11 नवंबर तक साबित करना होगा बहुमत

देवेन्द्र फडणवीस को सरकार बनाने का न्योता, 11 नवंबर तक साबित करना होगा बहुमत

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-09 13:59 GMT
देवेन्द्र फडणवीस को सरकार बनाने का न्योता, 11 नवंबर तक साबित करना होगा बहुमत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने चुनावों में सबसे ज्यादा सीटें हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है। भाजपा नेता देवेन्द्र फडणवीस को 11 नवंबर को रात 8 बजे तक विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा। महाराष्ट्र विधानसभा के पिछले कार्यकाल का आज शनिवार को आखिरी दिन है। आधी रात को विधानसभा भंग कर दी जाएगी। शिवसेना और बीजेपी में मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान के चलते अब तक राज्य में सरकार का गठन नहीं हो पाया है।

 

 

राजभवन से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि 24 अक्टूबर को चुनाव परिणाम आने के बाद अब तक किसी दल ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है। इसलिए अब सबसे ज्यादा विधायको वाले दल भाजपा के नेता देवेंद्र फडणवीस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया है। 

इससे पहले सभी पार्टियों ने राज्यपाल से मुलाकात की थी लेकिन किसी ने भी अब तक सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है। दरअसल, किसी भी पार्टी के पास बहुमत का आंकड़ा मौजूद नहीं है। हालांकि भाजपा के पास 105 विधायक हैं, लेकिन 288 सदस्यीय विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 146 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता है। 

शिवसेना के पास 56, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के पास 54 और कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एक दर्जन से भी ज्यादा निर्दलीय विधायकों ने जीत हासिल की है। 

देवेन्द्र फडणवीस ने शुक्रवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया था। इस्तीफा सौंपने के बाद फडणवीस ने दावा किया था कि शिवसेना को कभी भी ढाई साल के लिए सीएम पद देने का वादा नहीं किया गया। वहीं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरने ने फडणवीस के बयान को झूठा बताया था। ठाकरे ने कहा था, सबको पता है झूठ कौन बोल रहा है। 

शिवसेना का दावा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले उनके और भाजपा के बीच आपसी सहमति से 50-50 फॉर्मूला तय किया गया था। जिसके मुताबिक दोनों पार्टियों को प्रदेश में ढाई-ढाई साल तक अपनी सरकार चलानी थी। शिवसेना का आरोप है कि भाजपा दोनों पार्टियों के बीच हुए इस फैसले से मुकर रही है। शिवसेना नेता संजय राउत ने शनिवार को कहा था कि "सरकार का गठन पार्टियों के बीच पहले बनी सहमति के आधार पर होना चाहिए। न कि इस आधार पर कि सबसे बड़ा एकल दल कौनसा है।"

इस बीच राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने 12 नवबंर, सोमवार को अपने विधायको की बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि राकांपा सुप्रीमो शिवसेना के साथ सरकार बनाने की संभावनाओ को लेकर पार्टी विधायको के साथ चर्चा करेंगे। सूत्रों के अनुसार शिवसेना का राकांपा और कांग्रेस के साथ सरकार बनाना लगभग तय हो गया है। भाजपा के सरकार बनाने में असफल रहने के बाद शिवसेना सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है।

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