विकसित देश जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने में विफल, भारत लक्ष्य से आगे: मंत्री भूपेंद्र यादव
पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री विकसित देश जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने में विफल, भारत लक्ष्य से आगे: मंत्री भूपेंद्र यादव
डिजिटल डेस्क, संयुक्त राष्ट्र। पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव के अनुसार, विकसित देश जहां जलवायु परिवर्तन से लड़ने के अपने लक्ष्यों को पूरा करने में विफल हो रहे हैं, वहीं भारत ने अपने लक्ष्य को पार कर लिया है। उन्होंने मंगलवार को जलवायु कार्रवाई पर महासभा की उच्च स्तरीय बैठक में कहा, जहां विकसित दुनिया 2020 से पहले की अवधि में 18 प्रतिशत की कमी के लक्ष्य के मुकाबले सिर्फ 14.8 प्रतिशत (ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन) उत्सर्जन में कमी के साथ कार्यो का प्रदर्शन कर रही है, वहीं भारत उत्सर्जन में कमी के अपने स्वैच्छिक लक्ष्य को प्राप्त कर रहा है।
उन्होंने कहा, पेरिस समझौते के तहत हमारे 2030 लक्ष्यों को महत्वाकांक्षी और पेरिस समझौते के लक्ष्यों के अनुकूल माना जाता है। हम उन लक्ष्यों को प्राप्त करने की राह पर हैं । मंगलवार को जारी संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) की उत्सर्जन गैप रिपोर्ट ने भी भारत की उपलब्धि की पुष्टि की और सुझाव दिया कि उसे उच्च लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को मौजूदा नीतियों के तहत अपने पिछले बिना शर्त एनडीसी (राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान) उत्सर्जन लक्ष्य स्तरों की तुलना में कम से कम 15 प्रतिशत के स्तर तक कम करने का अनुमान लगाया गया, जो उनकी एनडीसी महत्वाकांक्षा को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है।
एनडीसी, ग्लोबल वामिर्ंग को पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 2 डिग्री सेल्सियस नीचे रखने के पेरिस जलवायु परिवर्तन लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उत्सर्जन में कटौती के लिए देशों द्वारा निर्धारित लक्ष्य हैं और एनडीसी की महत्वाकांक्षा लक्ष्यों को बढ़ा रही है। रिपोर्ट के अनुसार, केवल रूस और तुर्की के भारत के समान स्तरों को पूरा करने का अनुमान है। यह रिपोर्ट जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने के लक्ष्यों को कैसे पूरा किया जा रहा है, इस पर एक वार्षिक रिपोर्ट कार्ड है। इस सप्ताह के अंत में रोम में 20 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समूह जी20 के शिखर सम्मेलन और अगले सप्ताह ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन से पहले इसे जारी किया गया है। दोनों बैठकों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हो रहे हैं।
यूएनईपी की रिपोर्ट के बारे में उन्होंने कहा, महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने चेतावनी दी कि दुनिया जलवायु तबाही के लिए अभी भी ट्रैक पर है और वैश्विक तापमान 2.7 डिग्री सेल्सियस के आसपास बढ़ रहा है। यह पेरिस समझौते के सदी के अंत तक वैश्विक तापमान वृद्धि को 2 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लक्ष्य से कम होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अपने महत्वाकांक्षी जलवायु परिवर्तन एजेंडे के लिए ग्लासगो बैठक से पहले अपनी पार्टी के सहमत होने के लिए अभी भी संघर्ष कर रहे हैं, जिसे उनके बजट बिल में जोड़ा जाना है। यादव ने अपने संबोधन में कहा कि जिन विकासशील देशों ने जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल से खुद को समृद्ध कर समस्या पैदा की है, उन्हें इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। ग्लोबल वामिर्ंग के परिणामों का सामना कर रहे विकासशील देशों का समर्थन करना चाहिए।
उन्होंने कहा, जो लोग ऐतिहासिक रूप से जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार हैं और कार्बन गहन विकास के माध्यम से उन्हें पहले फायदा हुआ हैं, उन्हें अपनी कार्रवाई तेज करनी चाहिए। विकासशील देशों को अपने कार्यों में तेजी लाने के लिए समय पर और पर्याप्त वित्त और प्रौद्योगिकी प्रदान करने का नेतृत्व करना चाहिए। विकासशील देशों में मीडिया और राजनेता देश की आबादी की परवाह किए बिना प्रति व्यक्ति उत्सर्जन और देश के कुल उत्सर्जन से ध्यान हटाकर अपने देशों के विनाशकारी उत्सर्जन को कम कर रहे हैं।
(आईएएनएस)