निर्भया केस: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की क्यूरेटिव पिटीशन, फांसी होना तय
निर्भया केस: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की क्यूरेटिव पिटीशन, फांसी होना तय
- चारों दोषियों को फांसी 22 जनवरी को तय है
- विनय शर्मा और मुकेश सिंह ने क्यूरेटिव पिटीशन दायर की थी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप के दो दोषी विनय शर्मा और मुकेश सिंह ने क्यूरेटिव पिटीशन दायर की थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज (सोमवार) सुनवाई हुई। कोर्ट ने दोनों की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज कर दी है। इससे पहले दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों गुनहेगार अक्षय ठाकुर, पवन गुप्ता, मुकेश सिंह और विनय शर्मा का डेथ वॉरेंट जारी किया। चारों को एक साथ 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी पर लटकाया जाएगा।
2012 Delhi gang rape case: Supreme Court dismisses curative petitions of two convicts - Vinay Kumar Sharma and Mukesh Singh. pic.twitter.com/9Nsh1AZMaU
— ANI (@ANI) January 14, 2020
वहीं तिहाड़ जेल में चारों दोषियों को फांसी की तैयारियां पूरी हो गई है। रविवार को चारों की डमी बनाकर को फांसी की रिहर्सल की गई। इसके लिए पत्थरों और मलबे से चारों की डमी उनके वजन के हिसाब से तैयार की गई थी। इस प्रक्रिया को जेल अधिकारियों ने पूरा किया था।
उत्तरप्रदेश के जल्लाद पवन चारों गुनेहगारों को फांसी के फंदे पर लटकाएंगे। ऐसा कर वे अपना दादा का रिकॉर्ड तोड़ेंगे। मेरठ के पवन का परिवार चार पीढ़ियों से जल्लाद का काम कर रहा है। 1950-60 के दशक में इस परिवार की पहली पीढ़ी के मुखिया लक्ष्मन सजायाफ्ता करार दिए गए मुजरिमों को फांसी पर चढ़ाने का काम करते थे। अब उनका पड़पोता जिंदगी की पहली फांसी देने की तैयारी में है। पवन जल्लाद ने इससे पहले करीब पांच फांसियों के दौरान दादा कालू राम जल्लाद का सहयोग किया था। उन पांच फांसी लगवाने के दौरान पवन ने फांसी लगाने की बारीकियां दादा कालू राम जल्लाद से सीखी थीं।