अम्फान तूफान से तबाही: कोलकाता एयरपोर्ट क्षतिग्रस्त, रनवे और हैंगर पानी में डूबे
अम्फान तूफान से तबाही: कोलकाता एयरपोर्ट क्षतिग्रस्त, रनवे और हैंगर पानी में डूबे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चक्रवाती तूफान "अम्फान" ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय इलाकों में जमकर तबाही मचाई है। इस सुपर साइक्लोन की चपेट में आने से अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें 2 माह की बच्ची भी शामिल है। बंगाल और ओडिशा में तूफानी हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश हुई। जिसके कारण दोनों ही राज्यों के कई इलाकों में पेड़ और दीवारें गिर गईं। कोलकाता में कई जगहों पर पेड़ उखड़ गए। कुछ जगहों पर भारी बारिश की वजह से जल भराव हो गया। कोलकाता एयरपोर्ट भी क्षतिग्रस्त हुआ है। रनवे और हैंगर पानी में डूब गए।
#WATCH West Bengal: A portion of Kolkata Airport flooded in wake of #CycloneAmphan pic.twitter.com/28q5MdqoD2
— ANI (@ANI) May 21, 2020
तूफान अम्फान की तेज हवाओं से कोलकाता एयरपोर्ट को क्षतिग्रस्त हो गया। यहां चारों तरफ सिर्फ पानी भरा हुआ है। रनवे और हैंगर पानी में डूब गए हैं। जिसके कारण एयरपोर्ट पर परिचालन भी बंद है। दरअसल कोलकाता एयरपोर्ट पर फिलहाल वंदे भारत मिशन और कार्गो के तहत आने-जाने वाली उड़ानें चल रही थीं। उन्हें भी अभी रोक दिया गया है।
West Bengal: A portion of Kolkata Airport flooded in wake of #CycloneAmphan. pic.twitter.com/J4vqFW39no
— ANI (@ANI) May 21, 2020
बता दें कि, बंगाल में समुद्र तट से टकराने के वक्त चक्रवात की रफ्तार करीब 180 किमी प्रति घंटे से ज्यादा हो गई थी। कोलकाता शहर में कई घंटों तक 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलती रहीं। तूफान का सबसे ज्यादा असर पश्चिम बंगाल के कोलकाता, मिदनापुर, उत्तर 24 परगना और दक्षिणी 24 परगना में देखने को मिला।
West Bengal: Trees uprooted waterlogging in several parts of Kolkata in wake of #CycloneAmphan. The cyclone is very likely to weaken into a deep depression during the next 3 hours as per India Meteorological Department (IMD). pic.twitter.com/f81DZw3a0W
— ANI (@ANI) May 21, 2020
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया, कम से कम 10 से 12 लोगों की मौत हुई है। अधिकतर मौतें पेड़ गिरने से हुई हैं। ओडिशा में भी तीन लोगों के मारे जाने की खबर है। फिलहाल दोनों ही राज्यों में एनडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्य जुटी हुई है।
Odisha: Fire Disaster Services personnel removing an uprooted tree from the roof a house at Podadiha village in Balasore district. #CycloneAmphan. pic.twitter.com/S4QslG6ox2
— ANI (@ANI) May 21, 2020
NDRF के डीजी एसएन. प्रधान ने बताया, पश्चिम बंगाल के दक्षिणी 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर में लैंडफॉल हुआ है। ओडिशा की तुलना में यहां ज्यादा नुकसान हुआ। हालांकि पहले गिरे हुए पेड़ों को काटकर रास्तों को साफ किया जा रहा है ताकि आवागमन शुरू हो सके।
पश्चिम बंगाल में लैंडफॉल हुआ है, वहां ओडिशा की तुलना में ज़्यादा नुकसान हुआ है। लैंडफॉल दक्षिणी 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर में हुआ है। पहले गिरे हुए पेड़ों को काटकर रास्तों को साफ किया जा रहा है ताकि आवागमन शुरू हो सके: एस.एन. प्रधान, NDRF DG #CycloneAmphan pic.twitter.com/dH2a91U3ya
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 21, 2020
कोलकाता हवाईअड्डे के दृश्य राज्य में हुए नुकसान को बया कर रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि शहर में आया यह साइक्लोन सबसे विनाशकारी चक्रवात है। वर्ष 1737 में (तत्कालीन) कलकत्ता में आए चक्रवात से कुछ लोग ने इसकी तुलना की, जबकि अन्यों ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में ऐसा कुछ कभी नहीं देखा। घर तबाह होने के साथ ही बड़े पैमाने पर पेड़ उखड़ गए हैं और शहर में प्रतिष्ठित संरचनाओं को बहुत नुकसान पहुंचा है।
लैंडलाइन के बाधित होने और घंटों तक बिजली नहीं रहने के कारण लोगों को बिना बाहरी संपर्क के उग्र तूफान से गुजरना पड़ा। इस दौरान संपत्ति के नष्ट होने के पलों को लोगों ने तस्वीरों में कैद कर के ट्वीट किया। मानिकतला में एक टैक्सी स्टैंड पूरी तरह डूब गया। प्रतिष्ठित हावड़ा ब्रिज के करीब 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं।
हालांकि, भयंकर चक्रवाती तूफान गुरुवार को कमजोर हुआ और 27 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के साथ कोलकाता के उत्तर/उत्तर-पूर्व में बांग्लादेश की ओर बढ़ा। मौसम विभाग ने कहा, सुपर साइक्लोनिक तूफान अम्फान पिछले छह घंटों के दौरान 27 किलमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के साथ उत्तर/उत्तर-पूर्व की ओर चला गया है। बांग्लादेश पर सुबह 5.30 बजे केंद्रित होने से पहले चक्रवाती तूफान में कमजोरी आई।
चक्रवात अब बांग्लादेश पर केंद्रित है और इसका पश्चिम बंगाल और ओडिशा पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। गौरतलब है कि अम्फान एक थाई नाम है, जिसका अर्थ है आकाश। यह वर्ष 1999 के ओडिशा सुपर चक्रवात के बाद से बंगाल की खाड़ी में आया यह सबसे भयंकर तूफान है।