कोरोना पॉजिटिव हरियाणा के गृहमंत्री की तबीयत बिगड़ी, पीजीआई रोहतक से गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल शिफ्ट किया गया

कोरोना पॉजिटिव हरियाणा के गृहमंत्री की तबीयत बिगड़ी, पीजीआई रोहतक से गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल शिफ्ट किया गया

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-15 14:32 GMT
कोरोना पॉजिटिव हरियाणा के गृहमंत्री की तबीयत बिगड़ी, पीजीआई रोहतक से गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल शिफ्ट किया गया
हाईलाइट
  • अनिल विज पीजीआई रोहतक से गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल शिफ्ट
  • पहले अंबाला हॉस्पिटल से उन्हें पीजीआई रोहतक रेफर किया गया था

डिजिटल डेस्क, रोहतक। हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें पीजीआई रोहतक से गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल शिफ्ट किया गया है। इससे पहले अंबाला हॉस्पिटल से उन्हें पीजीआई रोहतक रेफर किया गया था। अनिल विज के फेफड़े में इंफेक्शन है। बता दें कि भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन (Covaxin) का जब 20 नवंबर को तीसरे चरण का ट्रायल शुरू हुआ था तो इसमें हरियाणा के मंत्री अनिल विज भी वॉलंटियर के तौर पर शामिल हुए थे। रोहतक में अनिल विज ने पहला टीका लगवाया था। 

हालांकि 5 दिसंबर को वो कोरोना पॉजिटिव हो गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हरियाणा के मंत्री के कोरोना पॉजिटिव होने पर सफाई देते हुए कहा था कि वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के कुछ दिनों के बाद ही इंसान में संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी का निर्माण होता है। यह दो खुराक वाला टीका है। मंत्री अनिल विज ने वैक्सीन की केवल एक खुराक ली है। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री ने भी कहा था कि दूसरी खुराक के बाद इंसान में एंटीबॉडी विकसित होने लगती हैं, जो पहले शॉट के 28 दिन बाद दी जाती है। इस अवधि के दौरान कोई सुरक्षा नहीं है। 67 वर्षीय मंत्री को 20 नवंबर को पहला शॉट दिया गया था।

बता दें कि कोविड-19 के 150 से भी ज्यादा टीको पर दुनियाभर में रिसर्च और ट्रायल चल रहा है। रूस ने  कोविड-19 की पहली वैक्सीन को रजिस्टर किया और इसे स्पुतनिक V नाम दिया। हालांकि अभी बड़े पैमाने पर फेज-3 ट्रायल के नतीजों का इंतजार किया जा रहा है। जर्मन कंपनी बायोनटेक और अमेरिका की दवा कंपनी फाइजर की कोरोना वैक्सीन के अच्छे नतीजों के बाद अमेरिका में इसके इमरजेंसी यूज की अनुमति मिल चुकी है। ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन से भी दुनिया को काफी उम्मीदे है। वहीं अगर भारत की बात की जाए तो यहां कोविड के तीन टीकों का ट्रायल चल रहा है। इनमें से दो वैक्‍सीन भारतीय वैज्ञानिकों ने ही डेवलप की हैं।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और भारत बायोटेक की बनाई वैक्‍सीन Covaxin तीसरे दौर के ट्रायल में है जबकि जायडस कैडिला की वैक्‍सीन ZyCov-D का ह्यूमन ट्रायल चल रहा है। ऑक्‍सफर्ड यूनिवर्सिटी की अस्‍त्राजेनेका वैक्‍सीन का भी ट्रायल चल रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन कह चुके हैं कि अगले साल जुलाई तक देश में कोरोना वैक्सीन की 40 से 50 करोड़ खुराक आने और 20 से 25 करोड़ लोगों का टीकाकरण हो जाने की संभवना है।

इसमें स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों को प्राथमिकता में रखने की बात है। इसमें सरकारी के साथ-साथ निजी अस्पतालों के कर्मचारी, नर्स, पैरामेडिक्स, सैनिटरी स्टाफ, आशा,  और कोरोना मरीजों की टेस्टिंग व ट्रेसिंग से जुड़े लोग शामिल होंगे। राज्यों से ब्लॉक स्तर तक टीका पहुंचाने के लिए जरूरी कोल्ड चेन एवं अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर की जानकारी भी मांगी गई है। ऐसे में अब पूरी-पूरी उम्मीद है कि 2021 के मध्य तक भारत को कोरोना की वैक्सीन मिल जाएगी और कोरोना का संक्रमण नियंत्रण में आ जाएगा।

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