Corona Effect: लॉकडाउन के कारण साफ हवा में सांस ले रहा भारत, नॉर्थ इंडिया में 20 साल में सबसे बेहतर हालात

Corona Effect: लॉकडाउन के कारण साफ हवा में सांस ले रहा भारत, नॉर्थ इंडिया में 20 साल में सबसे बेहतर हालात

Bhaskar Hindi
Update: 2020-04-23 09:43 GMT
Corona Effect: लॉकडाउन के कारण साफ हवा में सांस ले रहा भारत, नॉर्थ इंडिया में 20 साल में सबसे बेहतर हालात

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण देश में लगाए गए लॉकडाउन से भले ही अर्थव्यवस्था हाशिए पर जा रही हो, लेकिन पूरा देश प्रदूषण मुक्त हो रहा है। यहां नदियां साफ हो रही हैं, हिमालय जालंधर दिख रहा है, हरिद्वार में गंगा का पानी पीने लायक हो गया है। मतलब ये है कि लॉकडाउन के कारण पूरा देश स्वच्छ वातावरण में सांस ले रहा है। इसकी पुष्टि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने की है। नासा ने पिछले पिछले पांच साल की तस्वीरों को साझा कर बताया कि लॉकडाउन के कारण भारत में प्रदूषण न के बराबर है। खास तौर पर उत्तरी भारत में हालात पिछले 20 में पहली बार बेहतर नजर आ रहे हैं। 

 

 

बता दें कि सालों से उत्तर भारत और खासतौर पर देश की राजधानी नई दिल्ली प्रदूषण से जूझती रही है। सर्दियों में जब किसान खेतों में पुआल जलाते हैं तो वायु प्रदूषण और बढ़ जाता है। इसके अलावा सड़कों पर दौड़ती गाड़ियां, बड़ी संख्या में होते निर्माण कार्य और कल-कारखानों से निकलने वाला प्रदूषण तो लगभग स्थायी वजहें होती ही हैं, लेकिन बीते लगभग एक महीने से देश में लॉकडाउन है। कोरोना वायरस के कारण बीते महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की थी। 14 अप्रैल को यह अवधि समाप्त हो रही थी, लेकिन कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी को देखते हुए इसे 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है। लॉकडाउन की वजह से बहुत सी चीजें बदली हैं और उन्हीं में से एक बदलाव प्रदूषण के स्तर को लेकर भी आया है। 

उत्तर भारत में 20 साल में सबसे बेहतर हालात
नासा द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार उत्तर भारत में प्रदूषण का स्तर बीते 20 सालों में सबसे कम है। मानचित्रों की एक श्रृंखला के माध्यम से नासा ने उत्तर भारत में एयरोसॉल के स्तर को दिखाया है। इन मानचित्र में 31 मार्च से लेकर 5 अप्रैल को अलग-अलग सालों की स्थिति के आधार पर दर्शाया गया है। नासा ने साल 2016 से लेकर साल 2020 तक के आंकड़े दर्शाएं हैं। 

अन्य देशों में भी प्रदूषण न के बराबर
अल्बामा के हंट्सविल स्थित नासा के मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर में यूनिवर्सिटीज स्पेस रिसर्च एसोसिएशन साइंटिस्ट पवन गुप्ता का कहना है कि हम जानते थे कि लॉकडाउन के दौरान हमें कई जगहों पर वातावरण में अंतर देखने को मिलेगा। हालांकि भारत इकलौती ऐसी जगह नहीं है जहां हवा पहले की तुलना में साफ हुई है। कोरोना वायरस के कारण दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन है, जिसकी वजह से यातायात और उद्योग-धंधे बंद हैं, जिसकी वजह से जहरीली और प्रदूषित हवा वातावरण में तुलनात्मक रूप से कम रिलीज हो रही है।

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