मध्य प्रदेश : कांग्रेस विधायक जयपुर से पहुंचे भोपाल, सीएम कमलनाथ ने किया बहुमत साबित करने का दावा

मध्य प्रदेश : कांग्रेस विधायक जयपुर से पहुंचे भोपाल, सीएम कमलनाथ ने किया बहुमत साबित करने का दावा

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-15 11:47 GMT
मध्य प्रदेश : कांग्रेस विधायक जयपुर से पहुंचे भोपाल, सीएम कमलनाथ ने किया बहुमत साबित करने का दावा
हाईलाइट
  • एयरपोर्ट पर सभी विधायकों ने विक्ट्री का साइन दिखाया
  • रविवार को कांग्रेस के विधायक जयपुर से भोपाल पहुंचे
  • सीएम कमलनाथ ने दावा किया कि उनकी सरकार विधानसभा में बहुमत साबित करेगी

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से एक दिन पहले रविवार को कांग्रेस के विधायक जयपुर से भोपाल पहुंचे। एयरपोर्ट पर सभी विधायकों ने विक्ट्री का साइन दिखाया और वहां  से इन विधायकों को होटल ले जाया गया। ये विधायक सोमवार तक यहां ठहरेंगे। वहीं सीएम कमलनाथ ने एक बार फिर दावा किया कि उनकी सरकार सोमवार को विधानसभा में बहुमत साबित करेगी। कई अन्य मंत्रियों ने भी भरोसा जताया कि उनकी सरकार फ्लोर टेस्ट में सफल होगी।

क्या कहा विधायकों ने?
राज्य के मंत्री और निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, "हमारे पास नंबर हैं। सीएम को भरोसा है। वेट एंड वॉच। कल फ्लोर टेस्ट होगा यह जरूरी नहीं है। अभी तो कोरोना चल रहा है।" वाणिज्य कर मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि कमलनाथ सरकार पूरी तरह सुरक्षित है। फ्लोर टेस्ट में सौ प्रतिशत पास होगी। कैसे पास होगी यह आपको कल पता चल जाएगा। कोई विधायक हमें छोड़कर नहीं गया है, कल विधानसभा में सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह ने भी कहा कि जब फ्लोर टेस्ट होगा तो आंकड़े सामने आ जाएंगे।

विधानसभा चलाने का सारा अधिकार अध्यक्ष के पास
वन मंत्री उमंग सिंगार ने राज्यपाल लालजी टंडन के फ्लोर टेस्ट कराने के निर्देश को लेकर कहा कि विधानसभा चलाने का सारा अधिकार विधानसभा अध्यक्ष के पास होता है। राज्यपाल को केवल निर्देश देने का अधिकार है। यहां हम आपको बता दें कि 16 मार्च से विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने वाला है और इसी दिन राज्यपाल के निर्देश पर कमलनाथ सरकार को बहुमत साबित करना होगा। अभिभाषण के बाद राज्य सरकार को विश्वासमत हासिल करने के लिए बहुमत साबित करने के निर्देश दिए हैं। क्योंकि विधायकों के इस्तीफे के बाद बीजेपी ने बहुमत होने का दावा किया है।

बीजेपी और कांग्रेस दोनो ने जारी किया व्हीप
विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने व्हीप जारी किया है। सभी विधायकों को विधानसभा में उपस्थित होने को कहा गया है। बता दें कि व्हिप जारी होने के बाद पार्टी के सदस्य पार्टी लाइन के खिलाफ नहीं जा सकते हैं। अगर वह जाते हैं या फिर क्रॉस वोटिंग करते हैं तो उनकी सदस्यता खतरे में पड़ सकती है। साथ ही दल बदल कानून के तहत सदन के अध्यक्ष उन्हें अयोग्य घोषित कर सकते हैं।

सिंधिया के समर्थक विधायक बेंगलुरु में
बता दें कि राज्य में बीते एक सप्ताह से सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के प्रदेश से बाहर आने और जाने का सिलसिला जारी है। भाजपा के विधायक जहां दिल्ली के नजदीक एक रिसॉर्ट में हैं तो कांग्रेस के विधायक जयपुर में थे। वहीं कांग्रेस के बागी और ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायक बेंगलुरु में हैं। 22 विधायक अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे चुके है, इनमें से कांग्रेस विधायक गोविन्द राजपूत, इमरती देवी, तुलसी सिलावट, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रभुराम चौधरी और प्रद्यम्न सिंह तोमर के इस्तीफे मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने मंजूर कर लिए हैं। 

सुप्रीम कोर्ट जा सकती है मप्र सरकार
सत्ताधारी दल कांग्रेस और विरोधी दल दोनों ही फ्लोर टेस्ट की बात से सहमत हैं, मगर दोनों के अपने-अपने तर्क हैं। सत्ता पक्ष अभिभाषण से सत्र शुरू कर फ्लोर टेस्ट के कई मौके आने की बात कह रहा है तो भाजपा द्वारा अल्पमत की सरकार को सदन ही बुलाने का अधिकार न होने का दावा किया जा रहा है। वहीं स्पीकर ने बेंगलुरु से इस्तीफा भेजने वाले 22 विधायकों को तीन अलग-अलग तारीखों में बुलाया था। यदि सभी विधायक स्पीकर के सामने उपस्थित नहीं हुए तो सरकार फ्लोर टेस्ट टाल सकती है। सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकती है। नियम के मुताबिक सभी विधायकों को स्पीकर के सामने उपस्थित होना जरूरी है।

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