महंगा हुआ आपके बच्चे के दूध का प्याला, दही और छाछ के भी बढ़े दाम, डेयरी कंपनियों ने महंंगे किए प्रोडक्ट
जीएसटी लगने का असर महंगा हुआ आपके बच्चे के दूध का प्याला, दही और छाछ के भी बढ़े दाम, डेयरी कंपनियों ने महंंगे किए प्रोडक्ट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में हर दिन महंगाई बढ़ती ही जा रही है। जिसकी वजह से मिडिल क्लास के लोगों की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं, महंगाई आसमान छू रही है। हाल ही में केंद्र सरकार ने कई वस्तुओं पर जीएसटी की दरें बढ़ा दी हैं। जिससे इसका असर दिखना शुरू हो गया है। इसी कड़ी में भारत की सबसे बड़ी डेयरी कंपनी अमूल डेयरी ने अपने प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ा दी हैं। अब नई कीमतें 19 जुलाई से लागू हो जाएंगी। गौरतलब है कि अमूल का ये फैसला पैक्ड डेयरी प्रोडक्ट पर लगे 5 फीसदी जीएसटी की दर बढ़ाए जाने के बाद आया है।
पहली बार इन वस्तुओं को रखा गया जीएसटी के दायरे में
आम लोगों को बढ़ती महंगाई के बीच एक और झटका लगा है। अब दूध के पैक प्रोडक्ट, दही, लस्सी, पनीर और छाछ को सरकार ने पहली बार जीएसटी के दायरे में लाया गया है। इस सभी वस्तुओं पर अब पांच फीसदी जीएसटी भी वसूली जाएगी। इसी वजह से अमूल ने अपने प्रोडक्ट्स के दामों को बढ़ाने का फैसला किया है। अमूल के बाद अब और भी डेयरी कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स की कीमतों में इजाफा कर सकती हैं।
अमूल ने बढ़ाई इन वस्तुओं की कीमत
जीएसटी की नई दरें लागू होने से अब इन वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोत्तरी कर दी गई है। आइए टेबल के माध्यम से इसे समझते हैं।
प्रोडक्ट | पहले की कीमत | नई कीमत |
दही 200 ग्राम का कप | 20 | 21 |
दही 400 ग्राम का कप | 40 | 42 |
अमूल दही पैकेट | 30 | 32 |
एक किलो दही का पैकेट | 65 | 69 |
अमूल लस्सी 170एमएल | 10 | 11 |
अमूल फ्लेवर्ड मिल्क बोतल | 20 | 22 |
टेट्रा पैक मट्ठा 200एमएल | 12 | 13 |
जीएसटी की वजह से बढ़े दाम
सरकार की तरफ से विभिन्न वस्तुओं पर जीएसटी दरों में बढ़ोत्तरी के बाद कई प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ानी पड़ी हैं। हालांकि, हम छोटे पैकेट की बढ़ी कीमतों को खुद वहन करेंगे। गौरतलब है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में जून के आखिरी हफ्ते में जीएसटी काउंसिल की 47वीं बैठक हुई थी। इस बैठक में जीएसटी काउंसिल ने कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के दामों पर जीएसटी लगाने का फैसला किया था, जिन्हें पहले इससे बाहर रखा गया था। हालांकि विपक्ष की तरफ से केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध किया गया था।