दिल्ली में सर्दी ने तोड़ा रिकॉर्ड, दिसंबर महीने में 1901 के बाद दर्ज हुआ सबसे ठंडा दिन
दिल्ली में सर्दी ने तोड़ा रिकॉर्ड, दिसंबर महीने में 1901 के बाद दर्ज हुआ सबसे ठंडा दिन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। इस ठंड ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। सोमवार को दिल्ली की ठंड ने 118 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। 1901 के बाद सोमवार का दिन दिल्ली का सबसे ठंडा दिन रहा, जहां दिन का तापमान 9.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। राष्ट्रीय राजधानी में दिसंबर का औसत अधिकतम तापमान 27 तारीख तक 20 डिग्री सेल्सियस से कम था। यह पिछले 118 वर्षों में केवल चार बार हुआ है। 1901 के बाद यह महीना दिल्ली के लिए दूसरा सबसे ठंडा दिसंबर बन सकता है। दिसंबर 1901 में अधिकतम तापमान औसत 17.3° C था।
14 दिसंबर के बाद से दिल्ली में लगातार "कोल्ड डे" पड़े हैं। साल 1997 में दिसंबर महीने में कुल 17 कोल्ड डे रिकॉर्ड किए गए थे, जिनमें से 13 कोल्ड डे लगातार पड़े थे। कोल्ड डे उस स्थिति के कहा जाता है जब दिन के दौरान अधिकतम तापमान 10 डिग्री से कम और सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस कम हो। यदि अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 6.5 डिग्री सेल्सियस कम है, तो इसे सीवियर कोल्ड डे के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
तो इस साल इतनी ठंड क्यों है?
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस क्षेत्र में तापमान को प्रभावित करने वाली कोई असामान्य स्थिति नहीं है। पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) के माध्यम से शीत लहर आमतौर पर पश्चिम से आती है। यह सिस्टम उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी भारत में बारिश का कारण बनने के लिए भी जिम्मेदार है, जो भूमध्य सागर से अपने रास्ते से नमी उठाता है। ठंड की तीव्रता जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और आसपास के इलाकों में होने वाली बर्फबारी की मात्रा पर भी निर्भर करती है।
वर्तमान में उत्तरी अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उत्तरी ईरान के कुछ हिस्सों में और जम्मू-कश्मीर के उत्तर में शीत-लहर की स्थिति है। इन सभी क्षेत्रों में, पिछले कई दिनों में औसत तापमान सामान्य से 1 डिग्री से 5 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा है। यह वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की लाई ठंड को और ज्यादा बढ़ा रहा है। उत्तर-मध्य चीन और मंगोलिया भी ऐसी ही स्थितियों का सामना कर रहे हैं।