नागरिकता संशोधन बिल: गृहमंत्री बोले पाक-बांग्लादेश में कैसे घटे हिन्दू, जानिए प्रमुख बिंदु
नागरिकता संशोधन बिल: गृहमंत्री बोले पाक-बांग्लादेश में कैसे घटे हिन्दू, जानिए प्रमुख बिंदु
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन बिल सोमवार देर रात तक जारी बहस और विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा से पास हो गया। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध किया है। वहीं सहयोगियों का समर्थन भी सदन में चर्चा के दौरान मोदी सरकार को मिला। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सदन में बहस के दौरान नागरिकता संशोधन बिल की कॉपी फाड़ दी, जिसे बाद में सदन की कार्यवाही से निकाल दिया गया।
लोकसभा में बिल के पक्ष में 311 और विरोध में 80 वोट पड़े। इस दौरान विपक्षी दलों को गृह मंत्री अमित शाह ने बिल पर जवाब दिया। साथ ही कई चौकाने वाले आंकड़े भी बताए, आइए जानते हैं नागरिकता संशोधन विधेयक पर अमित शाह के भाषण के प्रमुख बिंदु...
किसी को डरने की जरुरत नहीं
गृहमंत्री ने कहा कि जो धार्मिक प्रताड़ना के आधार पर अपने परिवार की सुरक्षा के लिए, अपने धर्म की रक्षा के लिए यहां आता है, वो शरणार्थी है और जो बिना परमिशन के घुस कर आता है वो घुसपैठिया है। उन्होंने कहा कि मैं फिर से इस सदन के माध्यम से पूरे देश के सामने स्पष्ट करना चाहता हूं कि घुसपैठिये और शरणार्थी में मौलिक अंतर हैं।
अमित शाह ने कहा कि, भारत के मूल नागरिकों को नागरिकता संशोधन विधेयक से कोई खतरा नहीं है। जो भारत के मूल नागरिक हैं उन्हें कोई खतरा नहीं है। वहीं बिल से इस देश के किसी भी मुसलमान का कोई लेना देना नहीं है। यहां का मुसलमान सम्मान से जिएगा। मोदी के पीएम रहते हुए देश का संविधान ही हमारा धर्म है।
अमित शाह ने कहा कि लोग बिल के खिलाफ माहौल बना रहे हैं, लेकिन किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है। शरणार्थियों के पास राशन कार्ड है या नहीं, ये बिल सबको नागरिकता देगा। आपको किसी के बहकावे में आने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि, अल्पसंख्यकों में कोई डर की भावना नहीं है, अगर है तो भी मैं अपने सभी अल्पसंख्यक भाई बहनों को विश्वास दिलाता हूं कि मोदी जी के प्रधानमंत्री रहते हुए इस देश में किसी भी धर्म के नागरिक को डरने की जरूरत नहीं है।
इन देशों से कहां गायब हुए अल्पसंख्यक
विपक्षी दल द्वारा संशोधन नागरिकता बिल का विरोध करने पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है। उन्होंने चौकाने वाले आंकड़ों के बारे में बताते हुए कहा कि कि 1947 में पाकिस्तान में 23 फीसदी हिंदू थे, लेकिन साल 2011 में ये आकंड़ा 3।4 फीसदी रह गया। वहीं बांग्लादेश में 1947 में अल्पसंख्यकों की आबादी 22 फीसदी थी जो 2011 में घटकर7 प्रतिशत हो गई। या तो उनका धर्म परिवर्तन हो गया या भारत में आए या प्रताड़ित कर उन्हें भगा दिया गया।
गृह मंत्री ने कहा, पाकिस्तान के अनुच्छेदों में पाकिस्तान राज्य का धर्म इस्लाम है। बांग्लादेश का राज धर्म इस्लाम है। इसको मान्यता वहां के देश ने दी है। उन्होंने कहा कि, पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को देखते हुए भारत मूकदर्शक नहीं बन सकता। वहीं भारत में अल्पसंख्यकों की आबादी बढ़ी है। पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों पर भारत चुप नहीं रहेगा। अमित शाह ने कहा कि हमारी अल्पसंख्यकों की व्याख्या गलत नहीं है।
अमित शाह ने कहा कि इन देशों में ढेर सारे मंदिर तोड़े गए। अफगानिस्तान में 1992 तक करीब 2 लाख हिंदू और सिख थे और 2018 तक वो सिर्फ 500 रह गए। पूरे देश ने देखा था कि धार्मिक स्थलों को तोड़ा गया। भगवान बुद्ध की भव्य प्रतिमा को तोप के गोले दागकर तोड़ा गया। ऐसे में अल्पसंख्यक कहां जाते?
गृहमंत्री ने कहा कि बंगबंधु शेख मुजीब उर्र रहमान की हत्या के बाद बांलादेश में जो अत्याचार का दौर चालू हुआ, उसने वहां की धार्मिक लघुमतियों की रीड की हड्डी ही तोड़ दी, भोला में एक सुनियोजित हमले में 200 अल्पसंख्यक महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया।
उन्होंने यह भी बताया कि 2014 की एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में 1 हजार लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया। UNHRC की रिपोर्ट के अनुसार अब दूसरे धर्मों के मात्र 20 धार्मिक स्थान ही पाकिस्तान में बचे हैं।
उन्होंने कहा कि पूरा विधेयक उन तीन देशों के अल्पसंख्यकों के लिए है। बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में जब इस्लाम राज का धर्म है, तो वहां मुस्लिम लोग अल्पसंख्यक नहीं होता है।
करेंगे स्वागत, देंगे सम्मान
अमित शाह ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को अपने परिवार की बहन-बेटी की इज्जत या अपना धर्म बचाने के लिए यहां आना पड़े और हम अपनाएं नहीं, ये गलती हम नहीं कर सकते हैं। हम उन्हें जरूर स्वीकारेंगे, नागरिकता देंगे और पूरे विश्व के सामने उन्हें सम्मान भी देंगे।
गृहमंत्री ने कहा कि मैं जनता को कहना चाहता हूं कि कांग्रेस ऐसी बिन साम्प्रदायिक पार्टी है, जिसकी केरल में मुस्लिम लीग सहयोगी है और महाराष्ट्र में शिवसेना सहयोगी है। मैं इस सदन को फिर से आश्वस्त करना चाहता हूं कि जब हम एनआरसी लेकर आएंगे, एक भी घुसपैठिया इस देश के अंदर बच नहीं पायेगा।
उन्होंने कहा कि बिल किसी भी धर्म के प्रति भेदभाव नहीं करता है। ये बिल एक सकारात्मक भाव लेकर आया है उन लोगों के लिए जो भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में प्रताड़ित हैं। प्रताड़ित शरणार्थी होता है, घुसपैठिया नहीं होता।बिल में संविधान के अनुच्छेद 14, 21, 25 का उल्लंघन नहीं है।