उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की अरूणाचल यात्रा से बौखलाया चीन, भारत ने दिया करारा जवाब

भारत-चीन उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की अरूणाचल यात्रा से बौखलाया चीन, भारत ने दिया करारा जवाब

Bhaskar Hindi
Update: 2021-10-14 04:48 GMT
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की अरूणाचल यात्रा से बौखलाया चीन, भारत ने दिया करारा जवाब

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अरुणाचल प्रदेश की यात्रा कर चीन पर निशाना साधा है। भारत ने बुधवार को चीन पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद हल नहीं हो पाया और अब चीन ने अरूणाचल प्रदेश को लेकर नया बखेड़ा कर दिया है। हाल ही में चीन के मुख्य समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स में छपे विवादित लेख में कहा गया था कि चीन अपने क्षेत्र को लेकर भारत से किसी भी स्तर का समझौता नहीं करेगा, और युध्द की स्थिति में चीन, पड़ोसी देश भारत को हराने में कामयाब रहेगा। इस लेख के बाद अब चीन के विदेश मामलों के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने एक और विवादित बयान दिया है। चीन के इस बयान के बाद भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भी करारा जवाब दिया है। प्रवक्ता बागची ने कहा, भारतीय नेता नियमित रूप से अरुणाचल प्रदेश राज्य की यात्रा करते हैं, जैसे वे देश के किसी अन्य राज्य में करते हैं। भारतीय नेताओं की भारत यात्रा पर चीन को आपत्ति करना भारतीय लोगों के तर्क और समझ के लायक नहीं है।

बागची ने चीन पर सीमा के द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। बागची ने कहा भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी इलाके में एलएसी के साथ मौजूदा स्थिति चीनी पक्ष द्वारा यथास्थिति को बदलने का एकतरफा प्रयास द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन हैं। बागची ने कहा हम उम्मीद करते हैं कि चीनी पक्ष बेबुनियाद असंबंधित मुद्दों को जोड़ने की कोशिश करने के बजाय द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करे। साथ ही पूर्वी लद्दाख में एलएसी के साथ शेष मुद्दों को जल्द समाधान की दिशा में काम करेगा।

अरुणाचल की यात्रा और चीन को दर्द
उपराष्ट्रपति नायडू ने 9 अक्टूबर को अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया और अरुणाचल प्रदेश की विधानसभा के एक विशेष सत्र को संबोधित भी किया। इस यात्रा को लेकर चीन बौखला गया हैं। बीजिंग में, चीन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि चीन ने कभी भी इस राज्य को मान्यता नहीं दी है।चीन प्रवक्ता झाओ ने कहा, सीमा मुद्दे पर चीन की स्थिति सुसंगत और स्पष्ट है। 
चीन सरकार ने कभी भी तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी है उन्होंने कहा भारतीय पक्ष द्वारा एकतरफा और अवैध रूप से स्थापित किया है। चीन ने भारतीय नेता की यात्रा का कड़ा विरोध किया है।
लिजियन के बयान का जवाब देते हुए भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, हमने चीनी आधिकारिक प्रवक्ता द्वारा की गई टिप्पणियों को अस्वीकार करते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है।

भारत और चीन के बीच डेढ़ साल से अधिक समय से चल रहा है। सीमा विवाद 
सीमा विवाद के बाद से अब तक भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की 13 दौर की बैठक हो चुकी है। सीमा विवाद को खत्म करने के लिए भारत और चीन की पिछले हफ्ते  हुई सैन्य वार्ता के फलस्वरूप समाधान नहीं हुआ, और चीन भारतीय प्रतिनिधिमंडल के दिए रचनात्मक सुझावों से सहमत नहीं था। इसके अतिरिक्त, चीन के प्रतिनिधि कोई दूरंदेशी प्रस्ताव नहीं दे सके। 

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