राम जन्मभूमि ट्रस्ट में भ्रष्टाचार पर चंपत राय का बड़ा बयान, राम मंदिर से कैसे जुड़ा पुराना नाता?
राम जन्मभूमि ट्रस्ट में भ्रष्टाचार पर चंपत राय का बड़ा बयान, राम मंदिर से कैसे जुड़ा पुराना नाता?
- चंपत राय ने आरोपों को बताया राजनीति से प्रेरित
- राम मंदिर आंदोलन से गहरा है चंपत राय का नाता
- राम मंदिर ट्रस्ट पर लगे गंभीर आरोपों पर चंपत राय का बयान
डिजिटल डेस्क, दिल्ली। राम मंदिर ट्रस्ट पर जमीन खरीदी में लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर लगातार राजनीति गर्मा रही है। अब इस मामले पर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का बड़ा बयान सामने आया है। चंपत राय ने इन आरोपों पर दो टूक जवाब दिए हैं और इन्हें राजनीति से प्रेरित बताया है।
चंपत राय का जवाब
चंपत राय ने भ्रष्टाचार से जुड़े सारे आरोपों को बेबुनियाद बताया है। इस मामले पर चंपत राय ने एक प्रेस रिलीज जारी की है। जिसमें लिखा है कि सारे आरोप बेबुनियाद हैं। साथ ही उनके पीछे बड़ी राजनीति होने बताया है। चंपत राय का दावा है कि लोगों को गुमराह करने के लिये इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। चंपत राय के मुताबिक जिस जमीन की बात की जा रही है वो रेलवे स्टेशन के पास की जमीन है। जो प्राइम लोकेशन है। चंपत राय का ये भी दावा है कि जो भी जमीन राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के लिए खरीदी गई है वो बाजार की कीमतों से काफी कम दामों पर खरीदी गई है।
क्या है मामला?
पूरा मामला राम मंदिर के लिए खरीदी गई जमीन से जुड़ा है। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने गंभीर आरोप लगाए हैं। सिंह का आरोप है कि ट्रस्ट के महासचिव ने दो करोड़ रूपये कीमत वाली जमीन को 18 करोड़ रूपये में खरीदा है। ये आरोप सीधे सीधे महासचिव चंपत राय पर हैं। इसे मनी लॉन्ड्रिंग का केस बताते हुए इस मामले में सिंह ने सीबीआई और ईडी की जांच की भी मांग की है।
कौन हैं चंपत राय?
बिजनौर के रहने वाले चंपत राय बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए थे। इसके बाद वो आरएसएस के प्रचारक भी बने। पेशे से रसायन विज्ञान के प्रोफसर रहे चंपत ने राम जन्म भूमि आंदोलन के चलते अलग अलग जेलों में कई दिन बिताए हैं। इसी आंदोलन से जुड़े होने की वजह से चंपत को इमरजेंसी के दौरान जेल में डाल दिया गया। 18 महीने जेल में बिताने के बाद चंपत विश्व हिंदू परिषद से जुड़े। और तब से अब तक राम मंदिर निर्माण से जुड़े कामों से जुड़े हुए हैं।