Farmers Protest: सरकार की किसानों को एक और चिट्ठी, कहा- हर मांग पर चर्चा करने के लिए तैयार
Farmers Protest: सरकार की किसानों को एक और चिट्ठी, कहा- हर मांग पर चर्चा करने के लिए तैयार
- किसानों को सरकार ने एक बार फिर चिट्ठी लिखी
- सरकार किसानों की हर मांग पर चर्चा करने के लिए तैयार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ सड़क पर डटे किसानों को सरकार ने एक बार फिर चिट्ठी लिखी है। कृषि मंत्रालय की चिट्ठी में कहा गया है कि सरकार किसानों की हर मांग पर चर्चा करने के लिए तैयार है। सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि अभी भी बातचीत के रास्ते खुले हुए हैं। वहीं किसानों का कहना है कि सरकार बार-बार अपनी चिट्ठी में बातों को दोहरा रही है। हमारी मांग कृषि कानून को वापस लेने की है, लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं है।
क्या कहा कृषि राज्य मंत्री ने?
कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि भारत सरकार का प्रयास है कि मामले का समाधान हो, वैसे भी हर विभाग का जो समाधान है वह बातचीत से ही हो सकता है और हुआ भी है। उन्होंने कहा कि किसान संगठनों की लंबे समय से जो मांगें थी उसी के अनुसार कानून पारित किया गया। हम तो यह चाहते हैं कि वार्ता हो और वार्ता के जरिए ही समाधान निकले। उन्होंने जो बातें रखी थी या जो कही थी उनको हमने लिखित रूप से पत्र में भेजा है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी या लेफ्ट दल राजनीति कर रहे हैं। देशभर के किसान समर्थन देने के लिए मंत्री के पास आ रहे हैं और वह यह भी कह रहे हैं कि यह कानून किसानों के हित में है अगर इसे वापस ले लिया तो वे आंदोलन करेंगे।
बागपत के 60 किसान कृषि मंत्री से मिले
उधर, किसान मजदूर संघ, बागपत के 60 किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कृषि भवन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद कृषि मंत्री ने कहा, हमने कृषि भवन में आए किसान मजदूर संघ का स्वागत किया। ये सभी किसान कृषि सुधार कानूनों का समर्थन करना चाहते हैं। इन्होंने मुझे समर्थन पत्र भी दिया। तोमर ने बताया कि किसान संगठन ने उनसे कहा कि कृषि सुधार कानूनों में संशोधन के लिए सरकार को दबाव में आने की जरूरत नहीं है।