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- 000 केंद्रीय बल के जवानों को कश्मीर घाटी में भेजने का आदेश सरकार ने दिया है
- फैसले को घाटी के लोगों में डर का माहौल पैदा करने वाला बताया है
- महबूबा मुफ्ती और कई अलगाववादियों ने केंद्र के इस फैसले पर आपत्ति जताई है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आतंकवाद विरोधी अभियान और कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए लगभग 10,000 केंद्रीय बल के जवानों को कश्मीर घाटी में भेजने का आदेश सरकार ने दिया है। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और कई अलगाववादियों ने केंद्र के इस फैसले पर आपत्ति जताई है और इस फैसले को घाटी के लोगों में डर का माहौल पैदा करने वाला बताया है।
अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 25 जुलाई को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की 100 कंपनियों को तत्काल घाटी में तैनात करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि इन 100 कंपनियों में सीआरपीएफ की 50, बीएसएफ-10, एसएसबी-30 और आईटीबीपी की 10 कंपनियां है। हर एक कंपनी में 90 से 100 कर्मी मौजूद रहते हैं। इन जवानों को कश्मीर घाटी में आतंकवाद निरोधक ग्रिड को मजबूती प्रदान करने और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए तैनात किया जाएगा।
ये जवान घाटी में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिसबल की करीब 65 नियमित बटालियनों और अमरनाथ यात्रा के सुचारू संचालन के लिए तैनात अन्य बलों की 20 अन्य बटालियनों के अतिरिक्त होंगे। बता दें कि 14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद भी सरकार ने घाटी में केंद्रीय बलों की 100 कंपनियां तैनात की थी।
केंद्र सरकार के इस फैसले ने कश्मीर घाटी में राजनीतिक दलों व अलगाववादियों में हलचल तेज कर दी है। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा, "घाटी में अतिरिक्त 10,000 सैनिकों को तैनात करने के केंद्र के फैसले ने लोगों में भय पैदा कर दिया है। कश्मीर में सुरक्षा बलों की कोई कमी नहीं है। JK एक राजनीतिक समस्या है जिसे सैन्य तरीकों से हल नहीं किया जाएगा। भारत सरकार को अपनी नीति पर पुनर्विचार और सुधार करना होगा।"
पूर्व आईएएस और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी के अध्यक्ष शाह फैसल ने ट्वीट कर कहा, ‘घाटी में सीएपीएफ के अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती करने वाले गृह मंत्रालय की विज्ञप्ति से चिंता का माहौल बना हुआ है। किसी को नहीं पता कि अचानक से इस तरह सुरक्षाबलों को क्यों इकट्ठा किया जा रहा है। अफवाह है कि कुछ भयावह होने जा रहा है। क्या धारा 35ए को लेकर है? यह लंबी रात होगी।’
This MHA communique regarding deployment of additional 100 Coys of CAPF is fueling huge anxiety in Kashmir.
— Shah Faesal (@shahfaesal) July 26, 2019
No one knows why this sudden mobilization of forces is being done.
Rumor is that something sinister is about to happen.
Article 35a?
It is going to be a long night. pic.twitter.com/kvFH5gMaEb