केंद्र सरकार ने पीएफआई और उससे जुड़े संगठनों पर पांच साल के लिए लगाया बैन
नई दिल्ली केंद्र सरकार ने पीएफआई और उससे जुड़े संगठनों पर पांच साल के लिए लगाया बैन
- पीएफआई पर पाबंदी
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। कई दिनों की लगातार छापेमारी और कई पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद केंद्र सरकार ने देशभर में पीएफआई और उससे जुड़े संगठनों पर पांच साल की पाबंदी लगाते हुए उनके ठिकानों पर ताला जड़ दिया है। गृह मंत्रालय ने पीएफआई के द्वारा रचित काले कारनामों की एक लंबी लिस्ट भी जारी की है। जिसमें हत्याओं से लेकर खूनी संघर्ष की घटनाओं को भी बताया गया है। पीएफआई ने दक्षिण भारत के कई राज्यों में बरहमी से हत्याओं को अंजाम दिया, पीएफआई देश के लोगों में भय पैदा करना चाहता था। यूपी, गुजरात और कर्नाटक सरकार ने केंद्र सरकार से पीएफआई पर पाबंदी लगाने की मांग की है।
एनआईए और अन्य जांच एजेंसियों ने देशभर में दो बार पीएफआई कार्यालयों और अड्डों पर छापेमार कार्रवाई कर सैकड़ों वर्कर्स को अरेस्ट किया। खबरों के मुताबिक पीएफआई संगठन के आतंकवादी संगठन आईएसआईएस से तार जुड़े थे। पीएफआई के प्रतिबंध सिमी संगठन से भी संबंध थे।
Ministry of Home Affairs declares Popular Front of India (PFI) and its affiliates as ‘Unlawful Association’. (1/2)@HMOIndia @MIB_India @PIB_India @PBNS_India @DDNewslive @airnewsalerts pic.twitter.com/80wtO23oYL
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) September 28, 2022
भारतीय राजपत्र के आधार पर आंकडें।
गृह मंत्रालय ने जानकारी साझा करते हुए बताया है कि पीएफआई संगठन के सीरिया, इराक व अफगानिस्तान के आतंकवादी समूहों से नाता था। बताया गया है कि बांग्लादेश आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश के साथ पीएफआई के संबंध हैं। जो देश में चंदे व हवाले के पैसे इकट्ठा कर देश में युवाओं को बरगला कर आतंकवाद में संलिप्त करवा रहा है।