आसनसोल हिंसा में बेटे को खोने वाले इमाम ने की लोगों से शांति की अपील

आसनसोल हिंसा में बेटे को खोने वाले इमाम ने की लोगों से शांति की अपील

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-30 19:12 GMT
आसनसोल हिंसा में बेटे को खोने वाले इमाम ने की लोगों से शांति की अपील

डिजिटल डेस्क, आसनसोल। पश्चिम बंगाल के आसनसोल में राम नवमी जुलूस के दौरान भड़की हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। सांप्रदायिक हिंसा में अपने बेटे अपने बेटे को खोने वाले इमाम ने लोगों से अपील की है कि वह इसे मुद्दा न बनाए। वहीं इस हिंसा के बाद तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी आमने सामने है। ममता बनर्जी बीजेपी नेताओं पर हिंसा भड़काने का आरोप लगा रही है तो वहीं केन्द्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के खिलाफ FIR दर्ज होने के बाद एक बार फिर शुक्रवार को उन्होंने ममता बनर्जी पर आरोप लगाए।

नूरानी मस्जिद के इमाम इमदात उल्लाह राशिद ने कहा, ‘‘ मैंने अपने बेटे को खोया है। इसे मुद्दा न बनाएं। अगर आप मुझसे प्यार करते हैं तो अमन बहाल करें।’’ इमाम ने यह अपील उस वक्त की जब 16 वर्षीय सबकत को कब्रिस्तान में सुपुर्द- ए- खाक किया गयाय़ उसके जनाज़े में करीब 1000 लोग मौजूद थे। उसने हाल में पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित 10 वीं का इम्तिहान दिया था।

वहीं ममता सरकार पर हमला बोलते हुए बाबुल सुप्रियो ने कहा, ‘’दंगे के दौरान पहले एक डेढ़ घंटे तक अधिकारियो को कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिए गए थे। पुलिस ने मुझे शरणार्थियों तक से नहीं मिलने दिया। टीएमसी के गुंडे उनको धमकाते हैं।’’ बाहुल सुप्रियो ने कहा, ‘’लोगों से शान्ति की अपील करते हैं। ममता दीदी से अपील करते हैं कि पैरा मिलिट्री फोर्स को तैनात किया जाए। एक समुदाय को ही निशाना बनाया जा रहा है।’’

बता दें कि साम्प्रदायिक हिंसा की आग में जल रहे आसनसोल में पुलिस ने गुरुवार को इलाके में घुसने की कोशिश कर रहे स्थानीय सांसद और केन्द्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के खिलाफ FIR दर्ज की थी। बाबुल सुप्रियो पर दो मामले दर्ज किए गए हैं। उन पर सीआरपीसी की धारा 144 और आईपीसी की धारा 146, 147, 148 और 353 का उल्लंघन करने का आरोप लगा है।  सुप्रियो पर आरोप है कि उन्होंने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रूपेश कुमार पर हमला किया।

सुप्रियो ने इस दौरान एक शख्स से कहा कि तुम्हारी चमड़ी उधेड़वा लूंगा। उन्होंने अपने इस प्वाइंट पर सफाई भी दी है कि भीड़ में टीएमसी के कुछ शरारती लोग मौजूद थे, दो बुजुर्ग महिलाएं मुझसे मिलना चाहती थी, लेकिन भीड़ में मौजूद शरारती लोगों ने उन्हें धक्का दिया जिस पर मैंने यह बात कहीं। पुलिस को शरारती तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी लेकिन उन्होंने मुझे निशाना बनाया। 

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