दंतेवाड़ा में बड़ा नक्सली हमला, बीजेपी विधायक भीमा मंडावी की मौत, तीन जवान शहीद

दंतेवाड़ा में बड़ा नक्सली हमला, बीजेपी विधायक भीमा मंडावी की मौत, तीन जवान शहीद

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-09 12:45 GMT
दंतेवाड़ा में बड़ा नक्सली हमला, बीजेपी विधायक भीमा मंडावी की मौत, तीन जवान शहीद
हाईलाइट
  • इस हमले में बीजेपी विधायक भीमा मंडावी की मौके पर ही जान चली गई।
  • उनके काफिले में शामिल पांच जवान शहीद हो गए।
  • छत्‍तीसगढ़ में नक्‍सलियों ने बीजेपी विधायक के काफिले को निशाना बनाया।

डिजिटल डेस्क, रायपुर। लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग से दो दिन पहले छत्‍तीसगढ़ में नक्‍सलियों ने बीजेपी विधायक के काफिले को निशाना बनाया। इस हमले में बीजेपी विधायक भीमा मंडावी और उनके ड्राइवर की मौके पर मौत हो गई। राज्य पुलिस के एस्कॉर्ट वाहन के विस्फोट की चपेट में आने से छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस के 3 जवान शहीद हो गए। एंटी नक्सल ऑपरेशन के डीआईजी पी सुंदर राज ने भीमा मंडावी की मौत की पुष्टी की है। नक्‍सली हमले के बाद दोनों ओर से फायरिंग भी हुई। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हमले का बाद हाई लेवल मीटिंग बुलाई है। इस नक्सली हमले की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कड़ी निंदा की है।

पीएम ने कहा, "छत्तीसगढ़ में माओवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों को मेरी श्रद्धांजलि। इन शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।" उन्होंने कहा, "भीमा मंडावी भाजपा के समर्पित कार्यकार्ता थे। बीजेपी के इस मेहनती और साहसी कार्यकर्ता ने छत्तीसगढ़ के लोगों की सहायता की। उनके निधन पर गहरा दुख है। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदना। ओम शांति।"

दंतेवाड़ा के एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा कि "भाजपा विधायक भीमा मंडावी को पुलिस ने इलाके का दौरा नहीं करने की सलाह दी थी। हमले के बाद, दोनों ओर से गोलीबारी करीब आधे घंटे तक जारी रही। भाजपा विधायक की कार के पीछे एक कार में 5 सुरक्षाकर्मी सवार थे।"

जानकारी के मुताबिक बीजेपी विधायक का काफिला जब नकुलनार से करीब दो किलोमीटर दूर श्यामगिरी से गुजर रहा था उस वक्त नक्‍सलियों ने IED ब्लास्ट कर इस हमले को अंजाम दिया। नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण दंतेवाड़ा में चुनाव प्रचार दोपहर 3 बजे ही खत्म हो गया था जिसके बाद विधायक मंडावी कुआकोण्डा ब्लॉक के श्यामगिरी गांव में चुनावी सभा को संबोधित करने के बाद वापस नकुलनार लौट रहे थे। मंडावी जिस गाड़ी में सवार थे वो बुलेटप्रूफ थी, लेकिन धमाका इतना ताकतवर था कि मंडावी और सुरक्षा बलों दोनों की गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई। हमले की जानकारी मिलते ही सुरक्षाबलों की टीम घटना स्थल पर पहुंच गई। बता दें कि बस्‍तर सीट पर 11 अप्रैल को मतदान होना है। नक्सली इलाके में लगातार चुनाव बहिष्कार का फरमान भी जारी करते रहे हैं।

नक्सली हमले का शिकार हुए मंडावी बीजेपी के अकेले ऐसा नेता थे जिन्होंने  2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बस्तर संभाग की 12 सीटों में से एक सीट पर जीत हासिल की थी।दंतेवाड़ा सीट पर भीमा मंडावी ने कांग्रेस की देवती कर्मा को हराया था। मंडावी  विधानसभा में भाजपा विधायक दल के उपनेता भी थे। यह पहली बार नहीं है जब बस्तर में नक्सलियों ने चुनाव से पहले किसी राजनीतिक दल के काफिले पर हमला किया है। इससे पहले 25 मई 2013 को झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस के काफिले को निशाना बनाया था। इस हमले में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री विद्याचरण शुक्ल, तत्कालीन छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार समेत 30 लोगों की मौत हो गई थी।

 

 

 

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