ब्रेड पर बटर एवं चाय की चुस्की के साथ दिन की शुरूआत करने वालों के लिए बुरी खबर, बाजार से गायब होसकते हैं डेयरी प्रोडक्ट्स, समस्या भांप कर सरकार कर रही है ऐसी तैयारी!
घी,बटर और दूध खत्म! ब्रेड पर बटर एवं चाय की चुस्की के साथ दिन की शुरूआत करने वालों के लिए बुरी खबर, बाजार से गायब होसकते हैं डेयरी प्रोडक्ट्स, समस्या भांप कर सरकार कर रही है ऐसी तैयारी!
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। घी, बटर और दूध जैसे कई डेयरी प्रोडक्ट्स आम जन जीवन के लिए बेहद ही महत्वपू्र्ण होते हैं। कई लोग अपने दिन की शुरूआत इन्हीं सब चीजों से करते हैं। वहीं कुछ लोगों को सुबह-सुबह उठकर ताजे दूध की चाय की चुस्की न लेने को मिले तो उनका पूरा दिन बेकार ही जाता है। सोचिए अगर दूध मार्केट में ही उपलब्ध न हो तो चाय के आदि हुए लोगों का क्या होगा? इसके अलावा, जिन्हें सुबह-सुबह उठकर ब्रेड पर बटर लगाकर खाने की आदत हो उनका सुबह का नाश्ता कैसा रहेगा।
दरअसल , हम इन सब की बात इसलिए कर रहे है क्योंकि केंद्र सरकार को ऐसा अंदेशा है कि देश में इन खाद्य पदार्थों की कमी हो सकती है। जिससे निपटने के लिए प्लान बनाए जा रहे हैं। केंद्र सरकार की मानें तो, कोविड-19 के बाद देश में इन तमाम खाद्य सामनों की मांगे बढ़ गई हैं। जिसकी वजह से ताजे दूध, घी, मक्खन या डेयरी से जुड़े जितने भी प्रोडक्ट्स हैं, उनमें अच्छी खासी कमी देखी जा रही है। सरकार के मुताबिक, बाजार में असामान्य स्थिति देखने पर इन सामानों को आयात भी किया जा सकता है।
केंद्र सरकार का प्लान
डेयरी प्रोडक्ट्स की बढ़ती मांग को लेकर सरकार को अंदेशा है कि इस बार गर्मी के दिनों में दूध, मक्खन, घी जैसी तमाम खाद्य वस्तुओं की कमी हो सकती है। पिछले दिनों केंद्र सरकार से कई डेयरी सहकारी समितियों ने संरक्षित डेयरी उत्पादों की मांग की थी। जिसमें मिल्क फैट और पाउडर जैसे पदार्थ शामिल थे। इसी को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड यानी एनडीडीबी ने संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर बातचीत कर रहा है, ताकि आने वाली समस्या से पहले ही तैयार रहा जा सके।
सरकार और एनडीडीबी में बनी सहमति
एनडीडीबी ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि, हम (केंद्र सरकार और एनडीडीब) इस मामले में अपनी पूरी नजर बनाए हुए हैं अगर गर्मियों के दिन में डेयरी प्रोडक्ट्स को लेकर कुछ कमी होती है तो हम इसका आयात करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। बोर्ड ने आगे कहा कि, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि, इस पूरे डेयरी प्रोडक्ट्स को हम ही यानी एनडीडीबी ही देखे, और सही आंकलन करते हुए जरूरतमंद यूनियनों को बाजर में उचित मूल्य पर मुहैया कराएगी।
केंद्र ने क्या कहा?
वहीं डेयरी प्रोडक्ट्स को लेकर सरकार का कहना है कि, इस पूरे मामले पर हमारी पैनी नजर है, हम अपने लोगों के साथ इस पर चर्चा कर रहे हैं। हम देख रहे हैं कि बाजार के हालात कैसे हैं अगर हमें कुछ ऐसा लगा कि बाजार की हालत असामान्य हो रहे हैं तो फौरन एहतियातन कदम उठाए जाएंगे, ताकि हालात सामान्य हो सकें। फिलहाल अभी किसी भी तरह की कोई चिंता करने वाली बात नहीं है लेकिन हम बता देना चाहते हैं कि केंद्र सरकार द्वारा लिए गए फैसले से ऊपर हमारे डेयरी किसान भाईयों की हितों की रक्षा है।