अयोध्या विवाद: फैसला पढ़ने वाले चीफ जस्टिस समेत सभी जजों की सुरक्षा बढ़ाई गई
अयोध्या विवाद: फैसला पढ़ने वाले चीफ जस्टिस समेत सभी जजों की सुरक्षा बढ़ाई गई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राम जन्मभूमि- बाबरी मस्जिद मामले पर आज (शनिवार) सुबह 10.30 बजे सुप्रीम कोर्ट ऐतिहासिक फैसला सुनाएगा। इस फैसले को ध्यान में रखते हुए जजों की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। फैसला सुनाने वाली बेंच में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई समेत पांच जज शामिल हैं। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को जेड प्लास सुरक्षा दी गई है। पीठ के अन्य सदस्य जस्टिस एसए बोबडे, डी वाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एसए नजीर हैं। इनके आवास पर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के अंदर जो सुरक्षा होगी, वह सिक्योरिटी यूनिट देखेगी। पूरे इलाके को सुरक्षा घेरे में लिया गया है। कोर्ट की तरफ जाने वाली सभी सड़कों की निगरानी की जा रही है। तिलक मार्ग, भगवानदास रोड, मथुरा रोड, महादेव रोड और इंडिया गेट सर्कल की सुरक्षा न्यू दिल्ली डिस्ट्रिक्ट पुलिस देखेगी। फैसले से पहले दिल्ली पुलिस ने अतिरिक्त फोर्स बुलाई है। सभी की तैनाती शुरू हो चुकी है।
अफवाहों पर ध्यान न दें- आदित्यनाथ
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि फैसले को जीत-हार के साथ जोड़कर न देखें। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि प्रदेश में शान्तिपूर्ण और सौहार्द्रपूर्ण वातावरण को हर हाल में बनाए रखें। अफवाहों पर कतई ध्यान न दें। सीएम ने कहा कि प्रशासन सभी की सुरक्षा व प्रदेश में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कटिबद्ध है। कोई भी व्यक्ति यदि कानून-व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश करेगा, तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
फैसले को जीत-हार से न जोड़ें- प्रधानमंत्री
अयोध्या पर फैसले से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी से सद्भावना की महान परंपरा को मजबूत करने की अपील की है। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं होगा। देशवासियों से मेरी अपील है कि हम सब की यह प्राथमिकता रहे कि ये फैसला भारत की शांति, एकता और सद्भावना की महान परंपरा को और बल दे।
अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं होगा। देशवासियों से मेरी अपील है कि हम सब की यह प्राथमिकता रहे कि ये फैसला भारत की शांति, एकता और सद्भावना की महान परंपरा को और बल दे।
— Narendra Modi (@narendramodi) November 8, 2019