अयोध्या में राम मंदिर: अयोध्या में राम मंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम में पहुंचेंगे पीएम मोदी, योगी ने किया कन्फर्म, बोले- 500 साल बाद मिला शुभ मुहूर्त 

अयोध्या में राम मंदिर: अयोध्या में राम मंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम में पहुंचेंगे पीएम मोदी, योगी ने किया कन्फर्म, बोले- 500 साल बाद मिला शुभ मुहूर्त 

Bhaskar Hindi
Update: 2020-07-25 14:20 GMT
अयोध्या में राम मंदिर: अयोध्या में राम मंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम में पहुंचेंगे पीएम मोदी, योगी ने किया कन्फर्म, बोले- 500 साल बाद मिला शुभ मुहूर्त 
हाईलाइट
  • 500 साल बाद आया मुहूर्त
  • एक बार फिर मनाएं दिवाली: सीएम योगी
  • इधर
  • राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के खिलाफ याचिका खारिज
  • कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किए गए इंतजाम पर भी चर्चा की

डिजिटल डेस्क, अयोध्या। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की शुरुआत होने वाली है। 5 अगस्त को यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राम मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास और भूमि पूजन करेंगे। इस बात की पुष्टि आज (शनिवार, 25 जुलाई) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की है। सीएम योगी राम मंदिर निर्माण के लिए की जा रही तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कारसेवकपुरम में साधु-संतों के साथ बैठक की। इसमें उन्होंने कहा कि अयोध्या में 500 सालों बाद ये शुभ मुहूर्त देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि रक्षा बंधन से हमारा प्रयास होना चाहिए कि लगातार तीन दिन तक हर मंदिर में अखंड रामायण का पाठ हो। इस दौरान कोरोना को लेकर जो गाइडलाइंस हैं उनका पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं। उनके आगमन से पहले अयोध्या को पूरी तरह स्वच्छ और सुसज्जित किया जाए।

दरअसल, मुख्यमंत्री भूमि पूजन की तैयारियों का जायजा लेने के लिए अयोध्या पहुंचे थे। जहां उन्होंने अफसरों से तैयारियों पर चर्चा की तो साधु-संतों के साथ बैठकर कार्यक्रम की पूरी रूपरेखा तैयार की। मुख्यमंत्री दोपहर करीब डेढ़ बजे अयोध्या हवाई अड्डे पहुंचे। जहां से वह सीधे श्रीराम जन्मभूमि परिसर पहुंचे और वहां रामलला के दर्शन कर उनकी आरती की। इस दौरान ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी भी मौजूद रहे। मंदिर में उन्होंने पुजारियों से भी बात की। सीएम योगी ने भूमिपूजन के लिए जो जमीन समतल की गई उसे देखने के बाद उन्होंने राम मंदिर का नक्शा भी देखा। उन्होंने रामलला के दर्शन भी किए और हनुमान गढ़ी मंदिर भी गए।

500 साल बाद आया मुहूर्त, एक बार फिर मनाएं दिवाली: सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पांच अगस्त को होने वाले भूमि पूजन का मुहूर्त 500 साल के प्रयासों और तमाम संघर्षों के बाद आया है। यह सबसे अच्छा मुहूर्त है इसलिए अयोध्या में एक बार फिर से दीवाली मनाएं। उन्होंने संतों से कहा कि अयोध्या को त्रेतायुग की तरह सजाएं। सभी संत-महात्मा अपने-अपने स्थान पर चार अगस्त को अखंड रामायण का पाठ शुरू करें और पांच अगस्त को पूर्ण आहुति दें। मठ-मंदिरों में दीप जलाएं और सुंदरकांड का पाठ करें। उन्होंने कहा कि कुछ लोग भूमि पूजन के मुहूर्त पर सवाल उठा रहे हैं। उस पर बिल्कुल ध्यान न दें। यह अवसर पांच सौ साल बाद आया है। जो कि सबसे अच्छा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए देश के सभी साधु-संतों को राम जन्मभूमि परिसर में बुलाना संभव नहीं है। उन्हें ट्रस्ट की मजबूरी समझनी चाहिए इसलिए भूमि पूजन का लाइव प्रसारण सुनिश्चित किया गया है।

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किए गए इंतजाम पर भी चर्चा की
कोरोना संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों से इस पर भी चर्चा कर जानकारी ली कि कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से किन बातों का ध्यान रखा जाएगा। यहां पर तैयारियों का जायजा लेकर मुख्यमंत्री हनुमानगढ़ी दर्शन करने के लिए गए। मुख्यमंत्री जब भी अयोध्या आते हैं हनुमानगढ़ी जरूर जाते हैं। बता दें कि भूमि पूजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी के कारण पूरे नगर की सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद रखी गई है।

इधर, राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के खिलाफ याचिका खारिज
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए पांच अगस्त को प्रस्तावित भूमि पूजन पर रोक लगाने की मांग की याचिका खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति एसडी सिंह की खंडपीठ ने मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और कहा कि यह जनहित याचिका कल्पनाओं पर आधारित है। कोर्ट ने कहा कि कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने की आशंका का कोई आधार नहीं है। हालांकि, कोर्ट ने भूमि पूजन कार्यक्रम के आयोजकों और राज्य सरकार से इस बात की अपेक्षा की है कि वे सोशल डिस्टेंसिंग और शारीरिक दूरी बनाए रखने की गाइडलाइन के अनुसार ही कार्यक्रम करें।

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