पाकिस्तान के लाहौर से आकर दिल्ली में बस गया था जेटली का परिवार
पाकिस्तान के लाहौर से आकर दिल्ली में बस गया था जेटली का परिवार
- दिल्ली के नारायण विहार में आकर बसा था परिवार
- पिता की राह पर चलकर चुना वकालत का पेशा
- बेटा और बेटी ने भी अपनाई वकालत की राह
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता अरुण जेटली का शनिवार को निधन हो गया है, वे काफी समय से बीमार रहने के कारण एम्स में भर्ती थे। जेटली के दादा पाकिस्तान के लाहौर के रहने वाले थे और बटवारे के बाद 1947 में भारत की राजधानी दिल्ली आकर बस गए थे, इससे पहले उनका पूरा परिवार लाहौर में ही रहता था। दिल्ली आने के बाद वे लोग नारायण विहार में रहने लगे थे।
राष्ट्रपति ने दी श्रद्धांजलि
Delhi: President Ram Nath Kovind pays tribute to former Union Finance Minister Arun Jaitley, who passed away at All India Institute of Medical Sciences, earlier today. pic.twitter.com/AZaxUZh0zO
— ANI (@ANI) August 24, 2019
जेटली के पिता महाराज किशन जेटली भी पेशे से वकील थे, वे दिल्ली में वकालत करते थे। पिता के नक्शेकदम पर चलकर ही अरुण जेटली ने वकालत की राह चुनी। उन्होंने नई दिल्ली के सेंट जेवियर्स स्कूल से 1957 से लेकर 1969 तक पढ़ाई की, इसके बाद उन्होंने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएशन किया और 1977 में वकालत की डिग्री हासिल की। जेटली पढ़ाई के दौरान अकादमिक में अपने शानदार प्रदर्शन के लिए भी जाने जाते थे, उन्हें पढ़ाई के दौरान ही कई अवॉर्ड मिल चुके थे, छात्र जीवन से ही उनका राजनीति में विशेष रुझान था।
दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान ही जेटली 1974 में डीयू स्टूडेंट यूनियन (DUSU) के अध्यक्ष बन गए थे। जेटली ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) से जुड़े हुए थे, वे 1974 में स्टेडेंट यूनियन के अध्यक्ष बन गए थे, जेटली ने 1980 में बीजेपी की सदस्यता ले ली थी। जेटली का जन्म पंजाबी हिंदू ब्राह्मण परिवार में 28 दिसंबर 1952 को हुआ था, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता के तौर पर भी काम किया, जेटली के बेटे रोहन और बेटी सोनाली जेटली भी पेशे से वकील हैं।