बिहार में भ्रष्टाचार के नाम चढ़ा एक और पुल, उद्धाटन से पहले ही नदी में समाया 13 करोड़ की लागत से बना पुल

थम नहीं रहा निर्माणाधीन पुलों के गिरने का सिलसिला बिहार में भ्रष्टाचार के नाम चढ़ा एक और पुल, उद्धाटन से पहले ही नदी में समाया 13 करोड़ की लागत से बना पुल

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-18 12:19 GMT
बिहार में भ्रष्टाचार के नाम चढ़ा एक और पुल, उद्धाटन से पहले ही नदी में समाया 13 करोड़ की लागत से बना पुल
हाईलाइट
  • 13 करोड़ की लगात से बना था पुल

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार के बेगूसराय में साहेबपुर कमाल में बूढ़ी गंडक नदी पर बना हुआ पुल अचानक देखते ही देखते पानी में समा गया। 206 मीटर लंबे पुल के टुटने की खबर हर किसी को चौका रही है।  कुछ दिन पहले पूल के शुरुआती हिस्सें में दरार देखी गई थी। फिर 15 दिसंबर को पुल के आधिकारियों को पत्र लिखा गया था। जिसके बाद 18 दिसंबर को पुल का हिस्सा टूट कर पानी में गिर गया। 


जानकारी के मुताबिक पुल के उद्धाटन से पहले ही इस पुल पर लोगों का आवाजाही जारी थी। गनीमत रही कि यह घटना ऐसे वक्त में हुई जब कोई भी व्यक्ति इस पुल से नहीं गुजर रहा था। नहीं तो कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। लोगों का कहना है कि पुल बनाते वक्त गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया इसलिए यह पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। 

13 करोड़ की लगात से बना था पुल

साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र के आहोक गंड़क घाट के किनारों बनाई गई इस पुल की कुल लागत 13 करोड़ रुपये थी। मुख्यमंत्री नावार्ड योजना के तहत इस पुल का निर्माण आहोक कृति टोल चौकी और विष्णुपुर के बीच कराया गया था। इस पुल का निर्माण कार्य साल 2016 से शुरू हुआ था और लगभग एक साल बाद यह पुल बनकर तैयार हो गया था। लेकिन पथ पहुंच नहीं होने की वजह से इस पुल पर आवागमन शुरू नहीं हुआ था, लेकिन उद्धाटन होने से पहले ही भ्रष्टाचार की पोल खुल गई। 

साहेब कमाल के रालोजपा ने नेता पुल का जिक्र करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार की वजह से पुल टुटकर नदी में गिर है। उन्होंने आगे कहा कि पुल के पाया नंबर दो और तीन के बीच हिस्से में दरार आने की शिकायत की गई थी, लेकिन आधिकारियों ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया। इस पुल के बन जाने से दर्जनों गांवों को सुविधा होती, लेकिन इससे पहले ही यह पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। 

इसी साल अप्रेल में खगड़िया और भागलपुर जिलों को जोड़ने वाला निर्माणधीन पुल ढह गया था। जिस तरह यह पुल गिरा था उसे देखकर लोग इसकी क्वालिटी पर भी सवाल खड़े करने लगे थे। बता दें कि इस पुल की कुल लागत 1710 करोड़ रुपये थी और यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वकांक्षी परियोजनाओं में शामिल थी।

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