सीएम अमरिंदर से विवाद के बाद सिद्धू का बदला पोर्टफोलियो, मिली पावर मिनिस्ट्री
सीएम अमरिंदर से विवाद के बाद सिद्धू का बदला पोर्टफोलियो, मिली पावर मिनिस्ट्री
- सिद्धू सहित कुछ मंत्रियों के विभागों को बदलने के लिए यह पत्र लिखा गया है
- सिद्धू ने कहा था उन्हें अनुचित तरीके से कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है
- सीएम अमरिंदर सिंह ने राज्यपाल को पत्र लिखा है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू सहित अन्य मंत्रियों के विभाग बदल दिए गए हैं। सीएम ने राज्यपाल वीपी सिंह बदनोर को मंत्रियों के विभागों को बदलने की स्वीकृति प्रदान करने के लिए पत्र लिखा था। अमिरिंदर ने ये पत्र सिद्धू के कैबिनेट मीटिंग में शामिल न होने और उन्हें लेकर दिए बयान के बाद लिखा है। सिद्धू ने अमिरंदर सिंह पर निशाना साधते हुए कहा था कि उन्हें अनुचित तरीके से कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है और कुछ लोग उन्हें पार्टी से बाहर निकालना चाहते हैं।
अमरिंदर कैबिनेट में सिद्धू को पावर एंड न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी सोर्सेज के विभाग दिए गए हैं। उनका स्थानीय निकाय विभाग ब्रह्म मोहिंद्रा को सौंप दिया गया है, जो पहले स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग संभाल रहे थे। सिद्धू के पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों के अन्य पोर्टफोलियो चरणजीत सिंह चन्नी को दिए गए हैं। उनके पास तकनीकी शिक्षा, औद्योगिक प्रशिक्षण और इम्पलॉयमेंट जनरल भी हैं।
बलबीर सिद्धू को स्वास्थ्य विभाग सौंप दिया गया है और पशुपालन, मत्स्य और डेयरी के उनके पोर्टफोलियो को उच्च शिक्षा के साथ, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा को सौंपा गया है। बाजवा के पास ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग भी है। सरकारी बयान में कहा गया है कि बाजवा को उच्च शिक्षा और पशुपालन दिया गया है क्योंकि सरकार इन क्षेत्रों को अधिक प्राथमिकता देना चाहती है।
हालांकि, बाजवा से आवास और शहरी विकास विभाग वापस ले लिया गया है। बाजवा को मुख्यमंत्री का करीबी माना जाता है और उनके पोर्टफोलियो को बदलने से उन पर असर पड़ सकता है। आवास और शहरी विकास को राजस्व के स्थान पर सुखबिंदर सिंह सरकारिया को सौंप दिया गया है। राजस्व विभाग गुरप्रीत सिंह कांगर को मिल गया है जो पुनर्वास और आपदा प्रबंधन भी संभाल रहे हैं। स्कूली शिक्षा विभाग ओम प्रकाश सोनी से विजय इंदर सिंगला को स्थानांतरित कर दिया गया है।
Sharing the revised list of portfolios of my Cabinet colleagues after a minor reshuffle. Wish them all the best of luck as they take up their new assignments. I am confident that each decision they take will be in service to the people of Punjab. pic.twitter.com/D21PfTbtsA
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) June 6, 2019
बता दें कि दिन में, सिद्धू लोकसभा चुनावों के बाद हुई पहली कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हुए थे। अपने आधिकारिक आवास पर मीडिया को संबोधित करते हुए, सिद्धू ने पूछा: "जब मुझमें विश्वास की कमी है तो मुझे बैठक में क्यों शामिल होना चाहिए? मंत्रिमंडल में मेरी सीट मुख्यमंत्री से तीन इंच दूर है। अगर उन्होंहे मुझ पर सार्वजनिक रूप से अविश्वास व्यक्त किया है, तो उनके बगल में बैठने का क्या मतलब है?" अपना रिपोर्ट कार्ड जारी करते हुए, सिद्धू ने ग्रामीण विकास मंत्री का पोर्टफोलियो संभाल रहे तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा का नाम लिए बिना कहा कि चुनावों में ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरों में बेहतर प्रदर्शन किया है।
सिद्धू ने कहा, पंजाब के कुल 117 विधानसभा क्षेत्रों में से 63 को ग्रामीण माना जाता है जबकि 54 सीटों को शहरी और अर्ध-शहरी विधानसभा क्षेत्रों के रूप में जाना जाता है। शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के लिए हालिया परिणाम 63 प्रतिशत थे, जिसमें 54 में से 34 सीटें जीती थीं। जबकि विशुद्ध रूप से शहरी विधानसभा क्षेत्रों में, हमने 25 में से 16 सीटें जीतकर 64 प्रतिशत जीत हासिल की है। ग्रामीण इलाकों में, कांग्रेस पार्टी ने 63 में से 35 सीटें हासिल कीं, जो कि 55 प्रतिशत है। हाल ही में हुए आम चुनाव में, कांग्रेस ने 13 में से आठ सीटें जीतीं। SAD-BJP गठबंधन ने चार जीत हासिल की जबकि AAP केवल एक सीट जीतने में सफल रही।
बता दें कि सीएम अमरिंदर सिंह ने कहा था कि पंजाब में कांग्रेस ने शहरी क्षेत्रों में खराब प्रदर्शन किया और सिद्धू शहरी विकास मंत्री हैं। उन्होंने कहा, बठिंडा में पार्टी का प्रदर्शन सिद्धू के बयान से भी प्रभावित हुआ है। सभी को लोकतंत्र में खुद को बढ़ावा देने का अधिकार है, लेकिन सिद्धू को ऐसे मौके पर विवादास्पद टिप्पणी नहीं करनी चाहिए थी, जब चुनाव प्रचार चरम पर था। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के दौरान सिद्धू ने कहा था, कौन कैप्टन, अच्छा कैप्टन अमरिंदर सिंह। अरे वह तो सेना के कैप्टन हैं। मेरे कैप्टन तो राहुल गांधी हैं। मेरे और अमरिंदर सिंह दोनों के कैप्टन राहुल गांधी हैं। इसके बाद सिद्धू निशाने पर आ गए और मामला गर्माने के बाद सिद्धू ने अमरिंदर सिंह से माफी मांगी थी।