सर्वदलीय बैठक में विपक्ष की मांग, फारूक अब्दुल्ला को दें संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति
सर्वदलीय बैठक में विपक्ष की मांग, फारूक अब्दुल्ला को दें संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विपक्ष ने सरकार द्वारा संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने के एक दिन पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की हिरासत का मुद्दा उठाया। अब्दुल्ला लोकसभा के सदस्य हैं। अनुच्छेद-370 को रद्द किए जाने व राज्य के पुनर्गठन के बाद से फारूक अब्दुल्ला, दो अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला व पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती को नजरबंद किया गया है। वहीं उपराष्ट्रपति के घर हुई एक अन्य सर्वदलीय बैठक में शिवसेना और एनसीपी से कोई नेता शामिल नहीं हुआ।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा कि फारूक अब्दुल्ला को संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए, क्योंकि उन्हें बीते 3 महीनों से नजरबंद रखा गया है और पूर्व के उदाहरणों के अनुसार, जेल में बंद पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम को भी कार्रवाई में भाग लेने की अनुमति मिलनी चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने दृढ़ता से कहा कि विपक्ष संसद के शीतकालीन सत्र में आर्थिक संकट का मुद्दा उठाएगा, जबकि सरकार ने सदन का कामकाज सुचारु रूप से चलने का भरोसा दिया।
Delhi: All party meeting called by Union Parliamentary Affairs Minister Pralhad Joshi, ahead of winter session of Parliament, is underway at the Parliament Library Building. pic.twitter.com/Fab49ytoQv
— ANI (@ANI) November 17, 2019
जोशी ने भाजपा की पूर्व सहयोगी शिवसेना के संदर्भ में कहा कि शिवसेना कांग्रेस के साथ गठजोड़ बनाने पर काम कर रही है। भाजपा ने विपक्ष में बैठने का विकल्प चुना है। हम इस पर सहमत हैं और उनके मंत्री ने भी सरकार से इस्तीफा दे चुके हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार से शुरू होने जा रहे संसद के महत्वपूर्ण शीतकालीन सत्र से पहले रविवार को आहूत सर्वदलीय बैठक में भाग लिया। जोशी के अलावा उनके कनिष्ठ कैबिनेट सहयोगियों-अर्जुन राम मेघवाल व वी. मुरलीधरन, केंद्रीय मंत्रियों अमित शाह, थावरचंद गहलोत ने भी सर्वदलीय बैठक में भाग लिया। यह बैठक रविवार को संसद की लाइब्रेरी बिल्डिंग में बुलाई गई थी। तेलुगू देशम पार्टी के जयदेव गाला, कांग्रेस नेताओं गुलाम नबी आजाद, अधीर रंजन चौधरी, बहुजन समाज पार्टी के सतीश मिश्रा ने भी इसमें भाग लिया।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओब्रायन व सुदीप बंद्योपाध्याय, लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद चिराग पासवान, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के सांसद रामदास अठावले, अन्ना द्रमुक के नवनीत कृष्णनन व अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल ने भी बैठक में भाग लिया। केंद्र सरकार इस सत्र में करीब 35 विधेयकों को पारित कराना चाहती है। इन विधेयकों में विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 भी शामिल है। मौजूदा समय में संसद में 43 विधेयक लंबित हैं। संसद का यह सत्र 13 दिसंबर को समाप्त होगा। इसमें 20 बैठकें होंगी।
उपराष्ट्रपति के घर बैठक में शामिल नहीं हुए शिवसेना और एनसीपी के नेता
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के घर सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक में उप सभापति हरिवंश, राज्यसभा के नेता सदन थावरचंद गहलोत, राज्यसभा में विपक्ष के नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद, वित मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, धर्मेन्द प्रधान, मनसुख मंडाविया, रामदास आठवले, हरदीप पुरी, प्रहलाद जोशी, पुरुषोत्तम रूपाला पहुंचे। वहीं बीएसपी से सतीश मिश्रा, टीएमसी से डेरेक ओ ब्रायन, आरजेडी की और से प्रेम गुप्ता, सिरोमणी अकाली दल से बलविंदर सिंह, सपा से रामगोपाल यादव, के केशव राव से टीआरएस, एमडीएमके से वाइको, जोस के मनी केसीएम से, वाईएसआर से विजय साई रेड्डी, डीएमके टी के एस सेलांगोवन सर्वदलीय बैठक के लिए पहुंचे है। वहीं इस बैठक में ना तो शिवसेना की ओर से और ना ही एनसीपी की ओर कोई शामिल हुआ। जबकि आज सुबह संसद में हुई सर्वदलीय बैठक में शिवसेना से विनायक राऊत शामिल हुए थे।