370 हटने के बाद बौखलाए आतंकियों ने डाली थी 'कश्मीर टाइगर्स' की नींव, संगठन का सरगना रह चुका है जैश-ए-मोहम्मद का सदस्य 

कैसे बना कश्मीर टाइगर्स! 370 हटने के बाद बौखलाए आतंकियों ने डाली थी 'कश्मीर टाइगर्स' की नींव, संगठन का सरगना रह चुका है जैश-ए-मोहम्मद का सदस्य 

Bhaskar Hindi
Update: 2021-12-13 17:32 GMT
370 हटने के बाद बौखलाए आतंकियों ने डाली थी 'कश्मीर टाइगर्स' की नींव, संगठन का सरगना रह चुका है जैश-ए-मोहम्मद का सदस्य 
हाईलाइट
  • कश्मीर आतंकी हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन कश्‍मीर टाइगर्स ने ली है

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू और कश्मीर के जीवान इलाके में हुए आतंकी हमले में दो पुलिस के दो जवान शहीद हो गए है, जबकि अन्य 12 घायल है, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। आपको बता दे, आतंकियों ने जवानों पर उस समय हमला किया जब वे बस से यात्रा कर रह रहे थे। बाइक सवार आतंकियों ने बस को तीन तरफ से घेरकर अंधाधुंध फायरिंग की। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन कश्‍मीर टाइगर्स ने ली है।

उधर विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा कोई मिलिटेंट ग्रुप है ही नहीं, यह सिर्फ पुलिस और सैन्यबलों को चकमा देने के लिए ऐसा कह रहे है। लेकिन पहले भी कश्मीर टाइगर्स का नाम सुर्खियों में रह चुका है। 

आइये जानते है कैसे हुई इस संगठन की शुरुआत-

2019 में अनुच्छेद 370 हटने और सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव के कारण कश्मीर में आतंकी संगठनों का ढांचा लगभग तबाह हो गया था। तेजी से आतंकियों पर हो रही कारवाई को उनके आका झेल नहीं कर पा रहे थे, जिस कारण उन्होंने घाटी में आतंकियों के छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर इसे नए सिरे से अंजाम देना शुरू किया।  

वर्ष 2020 तक कश्मीर में चार नए आतंकवादी संगठन सामने आ चुके है, जिनमे कश्मीर टाइगर्स सबसे अंतिम था। उससे पहले पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट, गजनवी फोर्स और लश्कर-ए-मुस्तफा जैसे संगठन सामने आ चुके थे।

जैश मिलिटेंट ने बनाया था कश्मीर टाइगर्स

कश्मीर टाइगर्स की नींव जैश के पूर्व मिलिटेंट मुफ्ती अल्ताफ उर्फ अबू जार ने रखी थी। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के रहने वाले अबू जार ने एक विडियो जारी कर इसकी जानकारी दी थी। वीडियो में बताया था कि उसने नया आतंकी संगठन कश्मीर टाइगर्स के नाम से बना लिया है। उसके पास काफी आतंकी हैं, जो कि अब इस संगठन के लिए काम करेंगे। 

अल्ताफ एक स्थानीय आतंकी है, जो पहले एक मदरसे में शिक्षक था, बाद में वह आतंकवादियों की मदद करने लगा और 2018 में उसने जैश-ए-मोहम्मद को ज्वाइन किया था। सूत्रों के मुताबिक उसका स्थानीय आतंकियों के साथ काफी नेटवर्क है। 

पूरे कश्मीर में कश्मीर टाइगर्स के 200 से अधिक आतंकवादियों के सक्रिय होने का अनुमान है। 

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