90 साल बाद क्रांतिकारी विचारों पर चलती दिख रही है पंजाब सरकार, कार्यालयों में दिखे सरदार भगत सिंह
शहादत दिवस 90 साल बाद क्रांतिकारी विचारों पर चलती दिख रही है पंजाब सरकार, कार्यालयों में दिखे सरदार भगत सिंह
- शहीद दिवस पर पंजाब में अवकाश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज गुलाम ब्रिटिश भारत में आजादी का बिगुल फूंकने वाले महान क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू के शहादत का दिन है। शहीदों के सम्मान में उन्हें याद करते हुए आज पूरे भारतवर्ष में उन्हें नमन कर श्रध्दाजंलि दी जाती है। आप संयोजक व दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी भगत सिंह के सच्चे अनुयायी हैं।
आज से करीब 90 साल पहले 23 मार्च 1931 के दिन को क्रूर अंग्रेजी सरकार ने भारत के वीर सपूतों को फांसी की सजा दी थी। इन तीनों ने बहुत कम उम्र में देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान कर दिया था। उन्हीं की याद में शहीद दिवस मनाया जाता है।
भगत सिंह के पैतृक गांव में मान ने ली सीएम की शपथ
पंजाब विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत का जश्न बनाने के साथ साथ युवाओं में क्रांतिकारी विचारों का जोश भरने के लिए आम आदमी पार्टी के नेता भगवंत मान मुख्यमंत्री पद की शपथ कार्यक्रम का आयोजन क्रांतिकारी सरदार भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कला में हुआ था। यहां भगत सिंह के विचारों पर चलने वाले युवा भगत सिंह की पगड़ी बेशभूषा में पहुंचे। आपको बता दें मान ने साल 2011 में अपने राजनेतिक कैरियर की शुरूआत भी इसी गांव से की।
पंजाब मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शहीद दिवस पर बड़ा ऐलान करते हुए कहा अब से स्वतंत्रता सेनानी सरदार भगत सिंह के शहीदी दिवस पर राज्य में अवकाश रहेगा। भगवंत मान ने कहा था कि वे ऐसा पंजाब बनाने चाहते हैं, जिसका सपना भगत सिंह ने देखा था। उन्होंने भगत सिंह की एक तस्वीर भी अपने ऑफिस में लगा रखी हैं। अब 23 मार्च को राजकीय अवकाश घोषित कर आप सरकार ने भगत सिंह के सम्मान को ऊंचा दर्जा देने की कोशिश की है। आने वाले दिनों में मान सरकार भगत सिंह को लेकर कुछ नए और बड़े फैसले भी कर सकती है।
भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने 1928 में लाहौर में एक ब्रिटिश जूनियर पुलिस अधिकारी जॉन सॉन्डर्स की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद सेंट्रल एसेंबली में बम फेंका। बम फेंकने के बाद वे भागे नहीं, और अंग्रेजी सेना ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया, बाद में अंग्रेजी हुकूमत ने तीनों भारतीय वीर क्रांतिकारियों को 23 मार्च 1931 को लाहौर सेंट्रल जेल के भीतर फांसी दी, भारत माता के महान वीर जवान देश की आजादी के लिए हंसते खेलते फांसी पर झूम गए।