संसद सुरक्षा में चूक मामला: किसान आंदोलन में सक्रीय थी संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाली नीलम, पुलिस गिरफ्त में चारो आरोपी
- संसद भवन की सुरक्षा में बड़ी चूक
- पकड़ाए सभी 4 आरोपी
- 3 साल पहले हुए किसान आंदोलन से जुड़ी थी आरोपी युवती नीलम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की सबसे सुरक्षित जगहों में से एक संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले 5 लोगों की पहचान हो गई है। लोकसभा की कार्यवाही के दौरान लोकसभा के अंदर कूदने और धुंआ फैलाने वाले दो लोगों की पहचान सागर शर्मा और डी मनोरंजन के रुप में हुई है। जानकारी के पिता सागर यूपी के लखनऊ का रहने वाला है जबकि डी. मनोरंजन कर्नाटक के मैसुरु का रहने वाला है।
इन दोनों ही आरोपियों को संसद में मौजूद सांसदों ने पकड़ लिया और जमकर इनकी धुनाई की। इसके बाद इन्हें वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों के हवाले कर दिया। बता दें कि संसद के अभी तक के इतिहास में ऐसी घटना पहली बार हुई है जब किसी बाहरी शख्स ने इस तरह प्रवेश कर उत्पात मचाया हो।
किसान आंदोलन में सक्रीय थी नीलम
वहीं सागर और मनोरंजन के अलावा संसद परिसर के बाहर तानाशाही बंद करो के नारे लगाने वाली नीलम और अमोल शिंदे की पहचान भी हो गई है। इनमें अमोल जहां महाराष्ट्र के लातूर जिले का रहने वाला है वहीं नीलम हरियाणा के हिसार की रहने वाली है। जानकारी के मुताबिक नीलम सिविल सर्विस की तैयारी कर चुकी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उसके भाई ने बताया कि वह 2020 में हुए किसान आंदोलन में शामिल थी। हालांकि वह किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ी थी।
चारों हुए गिरफ्तार
यह चारों आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली पुलिस की एंटी-टेरर सेल इनके खिलाफ जांच में जुटी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन चारों के पास मौजूद वे सभी चीजें बरामद कर ली गई हैं, जिनका उन्होंने उपयोग किया था। इसके अतिरिक्त ये सभी लोग संसद के अंदर कैसे घुसे, कहां रुके और किससे मिले? इसकी भी पुलिस जांच कर रही है।
भाजपा सांसद के लेटर पास की जरिए हुए किया प्रवेश
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये सभी आरोपी सांसद प्रताप सिम्हा के लेटर पर पास जारी करा कर आए थे। बता दें कि सिम्हा कर्नाटक के मैसुरू से सांसद हैं। वहीं लोकसभा अध्यक्ष ने इस घटना पर कहा कि सदन द्वारा इस घटना की जांच कराई जा रही है। बता दें कि आज संसद भवन पर आतंकी हमले की बरसी थी। ऐसे में इतने महत्वपूर्ण दिन इस तरह की चूक सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़ी करती है।