हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर: शिमला में भूस्खलन की चपेट में आया शिव मंदिर, 9 श्रद्धालुओं की मौत, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
- हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर देखा जार रहा
- सोलन के बाद शिमला में बड़ा हादसा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के समरहिल से बहुत बड़ी खबर सामने आ रही है। जानकारी के मुताबिक, जिले के समरहिल स्थित शिव मंदिर भूस्खलन के चपेट में आ गया है। चपेट में आने की वजह से 9 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। घटना स्थल पर राहत और बचाव का काम जारी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मलबे में 25-30 लोगों की दबे होने की आशंका है।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, ये घटना सुबह करीब 7 बजे की है। जब भक्त सोमवार को भगवान शिव की भक्ति को लीन होते हुए पूजा-अर्चना के लिए मंदिर गए हुए थे। तभी अचानक भूस्खलन हुआ और पूरा मलबा मंदिर के ऊपर आ गिरा जिसकी वजह से मंदिर में स्थित सारे भक्त दब गए। दबे होने की वजह से 9 लोगों की मौत अचानक हो गई। जबकि मलबे में 25 से 30 लोगों की फंसे होने की आशंका जताई गई थी। जिसमें से 20 लोगों का रेस्क्यू कर लिया गया है। इसके अलावा अभी भी मलबे को हटाने का काम जारी है। प्रशासन देख रही है कि अभी तक कोई श्रद्धालु फंसा तो नहीं है।
मुख्यमंत्री सुक्खू का संदेश
समरहिल में हुए हादसे को लेकर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "20-25 लोग यहां (समर हिल, शिमला) मलबे में फंसे हुए हैं। राज्य में पिछले 24 घंटों में 21 लोगों की मृत्यु हुई है। मैं लोगों से घर के अंदर रहने, नदियों और भूस्खलन-संभावित क्षेत्रों के पास न जाने की अपील करूंगा। बहाली का काम बारिश रुकते ही शुरू हो जाएगा।" समरहिल हादसे से पहले प्रदेश के सोलन जिले के जादोन गांव में बादल फटने से सात लोगों की मौत हो गई थी।
शहर दर शहर कुदरत का कहर
हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर यहीं तक नहीं रूका है। प्रदेश के अलग-अलग जिले से भूस्खलन और मकान गिरने की खबर आ रही है। फागली वार्ड के लाल कोठी में भी भूस्खलन की वजह से 15 कच्चे ढारे बह गए। जिसकी वजह से 30 से ज्यादा लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। घटना स्थल पर आईटीबीपी के जवान मौजूद हैं जो रेस्क्यू ऑपरेशन चला कर लोगों को मलबे से निकालने का काम रहे हैं। प्रदेश के कई शहरों में स्थिति भयावह दिखाई दे रही है। लगातार हो रही बारिश ने सरकार और प्रशासन के सामने नई चुनौती ला दी है।