मणिपुर हिंसा: CM बीरेन सिंह की बढ़ी मुश्किलें, पार्टी के 7 विधायकों ने की जांच के लिए आयोग गठन की मांग

  • मणिपुर में बीजेपी की बढ़ी चिंता
  • सीएम बीरेन सिंह के खिलाफ पार्टी ने की जांच की मांग
  • आयोग गठित करने की मांग

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-22 06:51 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी की चिंता बढ़ गई है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के खिलाफ जांच करने के लिए उन्हीं की पार्टी (बीजेपी) के 7 विधायकों ने आयोग गठित करने की मांग की है। आयोग गठन करने की मांग कुल 10 कूकी विधायकों ने की है जिसमे से 7 विधायक सत्ताधारी दल भाजपा के हैं। आपको बता दें कि, मणिपुर हिंसा के चलते विपक्ष पहले ही सिंह को सीएम पद से हटाने की मांग कर रहा था। वहीं, अब बिरेन सिंह की खुद की पार्टी भी उनके खिलाफ जाती नजर आ रही है।

सीएम पर उठे सवाल

विधायकों ने साझा बयान जारी कर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की मणिपुर हिंसा में उनकी भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं। सीएम के खिलाफ जांच की मांग कर रहे विधायकों ने मणिपुर टेप्स के नाम से एक ऑडियो टेप भी जारी किया है। इन लोगों का कहना है कि बीरेन सिंह ने मैतेई समुदाय के उपद्रवी तत्वों को हिंसा करने की खुली छूट दी थी। इसता ही नहीं बल्कि, विधायकों के कहा कि जब गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर दौरे पर आए थे तो उन्होंने सीएम को फटकार लगते हुए कहा था कि लोगों पर बम का इस्तेमाल ना किया जाए।

दरअसल, मणिपुर में बीते साल मैतेई और कूकी समुदाय के बीच हिंसा शुरू हुई थी। मणिपुर में मैतेई समाज की मांग है कि उसको कूकी की तरह राज्य में एसटी का दर्जा दिया जाना चाहिए। बता दें कि, बीरेन सिंह मैतेई समुदाय से आते हैं। ऐसे में विपक्ष हिंसा में सीएम की भूमिका पर लगातार निशाना साधता रहता है।

बता दें, विधायकों का कहना है कि मणिपुर में लगभग पांच हजार हथियार पुलिस के पास से लूटे जाने के बावजूद भी कोई गिरफ्तार नहीं हुआ। इन्हीं हथियारों को हिंसा में इस्तेमाल किया गया। 

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