जगन्नाथ मंदिर: 46 साल बाद खुला भगवान जगन्नाथ का रत्न भंडार, लकड़ी के संदूको में रखे जाएंगे बेशकीमती आभूषण

  • 46 साल बाद खुला भगवान जगन्नाथ का रत्न भंडार
  • मंदिर पहुंचे लकड़ी के संदूक
  • संदूकों में रखे जाएंगे रत्नों और आभूषण

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-14 11:16 GMT

डिजिटल डेस्क, पुरी। ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर में रविवार को 46 साल बाद भगवान के रत्न भंडार को खोला गया। ओडिशा सरकार भगवान जगन्नाथ के रत्न भंडार को खोलकर आभूषणों और अन्य कीमती वस्तुओं की लिस्ट तैयार करेगी। बता दें, साल 1978 में आखिरी बार भगवान जगन्नाथ के रत्न भंडार को खोला गया था।

ओडिशा सरकार ने रत्न भंडार में कीमती आभूषणों और वस्तुओं की लिस्ट तैयार करने के संबंध में समिति का गठन किया है। इस समिति के अध्यक्ष न्यायधीश (सेवानिवृत्त) बिश्वनाथ रथ ने बताया कि जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार रविवार दोपहर 1.28 बजे पर खोला गया था।

ओडिशा सरकार ने किया समिति का गठन 

बिश्वनाथ रथ ने बताया कि पुरी में समिति की एक बैठक में इस बात का फैसला लिया गया। समिति के सदस्यों में श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाधी भी उपस्थित है। मंदिर की देखरेख का कार्य भारतीय पुरात्त्व सर्वेक्षण (एएसआई) की ओर से किया जाएगा।

इस संबंध में पुरी के डीएम सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने कहा, "हमने रविवार (14 जुलाई 2024) को रत्न भंडार को फिर से खोलने के लिए पूरी तैयारी की थी. हमने श्री जगन्नाथ मंदिर अधिनियम के अनुसार सरकार की ओर से जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का सख्ती से पालन किया।"

46 साल बाद खोला गया रत्न भंडार

ओडिशा उच्च न्यायलय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ की अध्यक्षता वाली विशेष समिति के सदस्य सौमेंद्र मुदुली ने जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा गठित 16 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति ने 14 जुलाई को रत्न भंडार को 46 साल बाद खोलने की पेशकश रखी थी। उन्होंने कहा कि इस मौके पर हम पारंपरिक पोशाक के साथ हमने मंदिर में भगवान जगन्नाथ की पूजा की। इसके बाद हमने सावधानी बरतते हुए अधिकृत कर्मचारी के साथ एक सपेरा रत्न भंडार में गए। 

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