कुत्तों का कहर: सदन में गूंजा आवारा कुत्तों का मामला, चौंकाने वाले हैं सरकारी आंकड़े, साल भर में दर्ज हुए 30 लाख से ज्यादा केस
- कुत्तों के काटने से लोग परेशान
- पिछले साल लोगों की हुई मौत
- रेबीज का टीकाकरण चालू
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हर गली में आवारा कुत्ते घूमते मिलते हैं। साथ ही पूरे देश में आवारा कुत्तों के काटने की घटनाएं सामने आ रही हैं। कुत्तों का काटना थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। अक्सर इस तरह के मामले सामने आते हैं। आपको बता दें कि सिर्फ आवारा कुत्ते ही नहीं बल्कि पालतु कुत्तों के काटने के भी मामले सामने आए हैं। पिछले कुछ दिनों में दिल्ली-नोएडा की सोसायटी में इस तरह के कई मामले देखने मिले। कुत्तों के काटने की घटनाएं न्यूज पेपर्स और टीवी पर दिखाई जा रही हैं।
देश में कड़ी सख्ती के बावजूद कुत्तों के काटने की घटनाएं थम नहीं रही हैं। वहीं साल 2023 में कुत्तों के काटने के करीब 30.5 लाख तक मामले देखने मिले जिसमें करीब 286 लोगों की मौत हु गई। इस आंकड़े को सरकार ने संसद में रखा था। जिसमें पूछे गए सवाल के जवाब के लिखित जवाब में केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने लोकसभा में कहा, "आइ़डिएसपी में मिले आंकड़ों के मुताबिक, साल 2023 में कुत्ते के काटने के 30,43,339 मामले सामने आए।"
पिछले साल कुत्तों के काटने से कितने लोगों की हुई मौत?
पिछले साल करीब 286 लोगों ने कुत्ते के काटने से अपनी जान गंवा दी। वहीं 2023 में 46,54,398 लोगों को रेबीज का टीका लगाया गया था। आपको बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय देश में रेबीज की रोकथाम और नियंत्रण के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम चल रहा है। सिर्फ अंडमान निकोबार द्वीप और लक्षद्वीप में ये योजना लागू नहीं है।
रेबीज का टीकाकरण कार्यक्रम चालू
मंत्री राजीव रंजन सिंह ने संसद में कहा, "कई स्थानीय निकाय पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम और रेबीज टीकाकरण लागू कर रहे हैं। इसके लिए केंद्र सरकार ने पशु जन्म नियंत्रण नियम बनाए हैं। वहीं केंद्र सरकार पशु रोगों पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार को सहायता भी प्रदान कर रही है। राज्य सरकार मिले हुए धनराशि का उपयोग रेबीज टीकाकरण के लिए भी कर सकती है।"