पलटवार: यूएन में कश्मीर मुद्दे पर भारत की तुर्किए को दो टूक, कहा - यह हमारा अंदरुनी मामला, किसी दूसरे देश की दखल अंदाजी स्वीकार नहीं, पाकिस्तान को भी लगाई फटकार

  • यूएन में गरजा भारत
  • कश्मीर मुद्दा उठाने पर तुर्किए को सुनाई खरी-खोटी
  • पाकिस्तान को भी फटकारा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-28 19:28 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तुर्की द्वारा संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठाने पर भारत ने नाराजगी जाहिर की है। भारत की प्रथम सचिव अनुपमा सिंह ने यूएन में कश्मीर पर दिए तुर्किए के बयान का जवाब देते हुए कहा कि यह भारत का आंतरिक मामला है और इसमें किसी दूसरे देश को दखल अंदाजी नहीं करना चाहिए। इसके साथ भारत ने उम्मीद जताई है कि तुर्किए दूसरी बार ऐसा नहीं करेगा। वहीं भारत ने पाकिस्तान को भी अंतरराष्ट्रीय मंच के दुरुपयोग के लिए फटकार लगाई। बता दें कि पाकिस्तान अंतराष्ट्रीय प्लेटफॉर्मों पर कई बार कश्मीर का मुद्दा उठाता रहा है और इस बार जब उसने यूएन में इस मुद्दे को उठाया तो तुर्किए ने उसका साथ दिया।

पाक ने भारत पर लगाए गंभीर आरोप

यूएन की 55वीं ह्यूमन राइट काउंसिल में पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत पर गंभीर आरोप लगाए थे। पाकिस्तान के इन आरोपों पर तुर्किए ने भी उसका साथ दिया था। जिसके बाद भारत की प्रथम सचिव ने पाकिस्तान को जमकर फटकारा है। साथ ही तुर्किए को भी दोबारा ऐसा न करने की चेतावनी दी है। अनुपमा सिंह ने यूएन में कहा,"भारत के अंदरूनी मामले पर तुर्किये की टिप्पणी दुखद है और हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में तुर्किये हमारे अंदरूनी मामलों पर टिप्पणी करने से बचेगा। भारत पर पाकिस्तान की तरफ से लगाए गए आरोपों को लेकर हम कहना चाहेंगे कि एक बार फिर से भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाने के लिए काउंसिल के मंच का दुरुपयोग दुर्भाग्यपूर्ण है। पूरा जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग है। भारत सरकार ने यहां सामाजिक और आर्थिक विकास के साथ बेहतर प्रशासन के लिए संवैधानिक बदलाव किए हैं और यह भारत का अंदरूनी मामला है।"

क्या बोला था तुर्किए?

गौरतलब है कि यूएन की जनरल असेंबली में तुर्किए ने कहा था कि दक्षिण एशिया में शांति, स्थिरता और विकास के लिए कश्मीर में न्याय के साथ शांति स्थापित होना बेहद जरुरी है। यह सब भारत-पाकिस्तान के बातचीत और सहयोग के जरिए संभव हो सकेगा। तुर्किए के राष्ट्रपति ने कहा कि कश्मीर में शांति के लिए जो भी कदम उठाए जाएंगे, उसमें तुर्किए अपना पूरा समर्थन करेगा। बता दें कि इससे पहले भी तुर्किए ने यूएन ह्यूमन राइट काउंसिल में भी कश्मीर का मुद्दा उठाया था। वहीं पिछले साल भी यूएन की जनरल असेंबली में तुर्किए ने इस मुद्दे को उठाया था। उसने तब कहा था कि यह समस्या पिछले 74 साल से जारी है। दोनों देशों को इसे खत्म करने के लिए मिलकर हल निकालना चाहिए। 

Tags:    

Similar News