किसान आंदोलन: संयुक्त किसान मोर्चा के दिल्ली कूच से पहले अलर्ट मोड पर हरियाणा सरकार, राज्य के 7 जिलों में 3 दिन के इंटरनेट किया बंद
- 13 फरवरी को किसानों का दिल्ली कूच
- हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला
- 11 फरवरी की सुबह से 13 फरवरी की रात तक इंटरनेट सेवा बंद
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा के 13 फरवरी को दिल्ली कूच से पहले हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने राज्य के 7 जिलों में 3 दिन के लिए इंटरनेट बंद कर दिया है। जिन सात जिलों में इंटरनेट बंद किया है वो जिले हैं - अंबाला, हिसार, कुरूक्षेत्र, कैथल, जींद, फतेहाबाद और डबवाली-सिरसा हैं। यहां केवल वॉइस कॉल की सेवा ही जारी रहेगी बाकि मोबाइल इंटरनेट, डोंगल और बल्क एसएमएस बंद कर दिया गया है। हालांकि इस दौरान ब्रॉडबैंड और लीज लाइन का इंटरनेट चलता रहेगा। बता दें कि यह रोक 11 फरवरी की सुबह 6 बजे से 13 फरवरी की रात 12 बजे तक लागू रहेगी।
अपने इस फैसले पर हरियाणा सरकार का कहना है कि सीआईडी और एडीजीपी की रिपोर्ट को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि किसानों की तरफ से मार्च और प्रदर्शन की कॉल दी गई है। इससे तनाव, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान और शांति व्यवस्था भंग होने की आशंका है इसलिए इंटरनेट पर बैन लगाने का फैसला लिया गया है।
इन इलाकों लगाई गई धारा-144
इसके अलावा सुरक्षा की दृष्टि और शांति भंग होने की आंशका के मद्देनजर अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, सोनीपत, झज्जर, रोहतक व पंचकूला में धारा-144 भी लगाई गई है। बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा समेत 26 किसान संगठनों ने 13 फरवरी को दिल्ली कूच करने की घोषणा की है।
क्या हैं मांगे?
किसान संगठनों ने जिन मांगो को लेकर दिल्ली कूच करने का ऐलान किया है उनमें से प्रमुख मांगे हैं,
- फसलों की एमएसपी पर खरीद का गारंटी कानून बने
- किसान और खेतिहर मजदूरों का कर्जा माफ हो और उन्हें पेंशन दी जाए
- स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार फसलों की कीमत तय की जाए
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 फिर से लागू हो
- किसान में आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवार वालों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए
- मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगे
- लखीमपुर खीरी कांड में दोषियों को सजा मिले
- नकली बीज, कीटनाशक और खाद बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ कड़ा कानून बनाया जाए
- बिजली संशोधन विधेयक 2020 रद्द किया जाए
- मसाले वाली फसलों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए