निर्णायक मोड़ पर ज्ञानवापी मस्जिद मामला! ASI की टीम सच को उजागर करने में जुटी, हिंदू पक्ष के दावों में कितना है दम?

  • 26 जुलाई तक नहीं होगा ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण
  • हाईकोर्ट के आदेश के बाद होगा सर्वे?

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-25 05:17 GMT

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। ज्ञानवापी मस्जिद अपने निर्णायक मोड़ पर है। बीते दिन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की 40 लोगों की टीम सुबह-सुबह वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में दाखिल हुई और वजूखाने को छोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद का हर एक कोना खंगालने में जुटी थी, ये पता लगाने के लिए कि जो हिंदू पक्ष की ओर से दावा किया जा रहा है उसमें कितनी सच्चाई है या मुस्लिम पक्ष जो बोल रहा है उसमें कितना दम है।

वाराणसी की जिला अदालत ने 21 जुलाई को ज्ञानवापी मस्जिद का एएसआई से सर्वेक्षण करने की इजाजत दी थी। जिसके बाद बीते दिन 24 जुलाई को 40 लोगों की (ASI) की टीम ने सर्वे किया। सर्वे के दौरान ये पता लगाने की कोशिश कि गई कि क्या वाकई ज्ञानवापी मस्जिद हिंदू मंदिर के ढांचे के ऊपर है? क्या सच में मस्जिद परिसर में कमल, डमरू, त्रिशूल जैसे निशान मौजूद हैं? क्या मस्जिद की दीवार पर देवी-देवताओं की कलाकृतियां बनी हुई हैं? साथ ही ASI की ओर से ये भी पता लगाने की कोशिश की गई की ज्ञानवापी मस्जिद में तीन गुंबद कितने पुराने हैं?

26 जुलाई तक सर्वे पर रोक

काशी के ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वेक्षण चल ही रहा था। इसी बीच मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और सर्वे पर रोक लगाने की अपील की। जिस पर शीर्ष अदालत ने फौरन सुनवाई करते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सर्वे करने से रोक लगा दिया। सुबह सात बजे से मस्जिद में चल रही सर्वेक्षण को कोर्ट ने 11.45 बजे आदेश दिया की जहां तक सर्वे की गई है वही तक रोक दी जाए। कोर्ट ने कहा कि, इस सर्वेक्षण को 26 जुलाई बुधवार शाम 5 बजे तक रोका जा रहा है। इसके अलावा कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल करने को कहा था।

सर्वे में रडार टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल

वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में सर्वे का आदेश दिया था। लेकिन अब हाई कोर्ट के आदेश के बाद ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कर पाएगी। सुप्रीम कोर्ट से आदेश आने से पहले ज्ञानवापी का चार घंटे तक सर्वे हो चुका था। जिसमें एएसआई की टीम ने मस्जिद परिसर में जगहों को चिह्नित कर वीडियो और फोटोग्राफी की। सर्वे में रडार टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भी किया गया था।

हाईकोर्ट की इजाजत पर अब होगी सर्वे

सुप्रीम कोर्ट में मस्जिद पक्ष ने दावा किया था कि सर्वे के दौरान खुदाई की गई थी। लेकिन इस बात को सिरे से प्रशासन ने नकारते हुए कहा कि, मस्जिद के परिसर में किसी तरह की कोई खुदाई नहीं की गई, जो मस्जिद पक्ष का दावा है कि वो सत्य नहीं है। मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण एएसआई तब तक नहीं कर सकती जब तक हाईकोर्ट इसकी इजाजत न देदें।

मामले का समाधान होगा?

एएसआई के सर्वे से हिंदू पक्ष को अहम जानकारी मिलने की उम्मीद है। दावा है कि सर्वे होने से सारे धुंध के बादल छट जाएंगे। कहा जा रहा है कि हिंदू और मस्लिम पक्ष के दावों को सत्यापित करने के लिए सर्वे बेहद ही जरूरी है। एएसआई सर्वेक्षण करती है तो जल्द ही सच्चाई बाहर आ सकती है लेकिन बार-बार कानूनी और अदालत के चक्कर में मामला फंसता हुआ नजर आ रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ज्ञानवापी मस्जिद पर विवाद करीब साढ़े तीन सौ वर्षों से चलता आ रहा है। जानकार मानते हैं कि, आने वाले दिनों में इस मामले का जल्द ही समाधान हो सकता है क्योंकि जिस तरह तेजी से परिस्थितियां बदल रही हैं वो एक निर्णायक साबित सकती है चाहे वो किसी के पक्ष में फैसला आए।

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