ई-नीलामी: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पूर्व राष्ट्रपतियों को मिले उपहारों की होगी नीलामी ,जानिए सबसे कीमती तोहफे की कीमत?
- राष्ट्रपतियों को मिले सबसे कीमती तोहफे
- राष्ट्रपति मुर्मू को महाबोधि मंदिर से मिला उपहार
- ई-नीलामी के लिए उपलब्ध उपहार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पूर्व राष्ट्रपतियों को मिले उपहारों की निलामी आज से शुरू हो गई है। इसकी जानकारी हालही में राष्ट्रपति द्वारा लॉन्च की गई वेबसाइट https://upahaar.rashtrapatibhavan.gov.in/ पर दी गई है। नीलामी वाले उपहारों में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की शैल शिल्प पेंटिंग और भगवान बुद्ध की प्रतिमा भी शामिल है। नीलामी में कुल 250 उपहारों को शामिल किया गया हैं। ये सभी उपहारों की बोली सोमवार से शुरू हो चुकी है। इच्छुक व्यक्ति उपहारों के लिए के वेबसाइट के माध्यम से अपनी बोली लगा सकते हैं। सोमवार को शुरू हुई बोली 26 अगस्त तक खुली रहेगी। बोली अवधि समाप्त होने के बाद, ये उपहार उच्चतम बोली लगाने वालों को सौंप दिए जाएंगे।
खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक बोली में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पेंटिंग का एक चित्रण है, जो पूरी तरह से नाजुक सीप के टुकड़ों से बनाया गया है। इस पेंटिंग में उन्हें उनकी प्रतिष्ठित सैन्य वर्दी में दिखाया गया है, जो दृढ़ता से खड़े हैं, शक्ति और दृढ़ संकल्प का प्रतीक हैं। करीब 14.15 किलोग्राम वजन वाली पेंटिंग के विवरण में लिखा है, शिल्प कौशल हर विवरण को दर्शाता है, उनकी वर्दी में सिलवटों से लेकर उनकी निगाहों की तीव्रता तक, सीप की बनावट और रंगों के एक अनूठे संयोजन का उपयोग करते हुए। इस फ्रेम के शीर्ष पर, स्मृति चिन्ह 30 दिसंबर, 1943 को पोर्ट ब्लेयर में पहली बार नेताजी की तरफ से भारतीय तिरंगा फहराने के ऐतिहासिक कार्य की 75वीं वर्षगांठ का प्रतीक है। इसमें कहा गया है, यह घटना भारतीय स्वतंत्रता के लिए संघर्ष और नेताजी की इस उद्देश्य के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के प्रतीक के रूप में अत्यधिक ऐतिहासिक महत्व रखती है।
वहीं ई-नीलामी के लिए उपलब्ध एक अन्य वस्तुओं में एक पेड़ के नीचे बैठे बुद्ध की मूर्ति है। यह उपहार राष्ट्रपति मुर्मू को महाबोधि मंदिर से मिला, जो बिहार के बोधगया में एक प्राचीन बौद्ध मंदिर है। हरे, पीले, नारंगी और भूरे रंग के जटिल रंगों से तैयार किया गया यह पेड़ अपनी कलात्मकता में अद्वितीय है।
नीलाम वाले उपहारों में पूर्व पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को मिले उपहार और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मिली एक प्रतिमा भी शामिल है।