तीन दिवसीय दौरा: जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने कहा सीमाओं को युद्ध के जरिए नहीं बदला जाना चाहिए

  • व्यापार के लिए समुद्री सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जरूरत
  • देशों को अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करना चाहिए
  • भारत-जर्मनी के बीच अच्छे रिश्ते है

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-26 13:56 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तीन दिवसीय भारत दौरे पर आए जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने आज शनिवार को कहा कि सीमाओं को युद्ध के जरिए नहीं बदला जाना चाहिए। शोल्ज ने व्यापार के लिए समुद्री सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जरूरत बताते हुए कहा कि देशों को अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करना चाहिए। जर्मन चांसलर ने कहा कि भारत और जर्मनी नवाचार, गतिशीलता और निरंतरता के साथ एक साथ आगे बढ़ रहे हैं। भारत-जर्मनी के बीच अच्छे रिश्ते है।

शोल्ज ने कहा कि यूक्रेन पर रूस का आक्रमण मौजूदा तौर में अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा है। शोल्ज ने राष्ट्रीय सीमाओं के सम्मान को शांति का आधार बताया। ये बात उन्होंने गोवा की यात्रा के दौरान वास्को में बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स) पिलानी के छात्रों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा युद्ध से सीमाओं को कभी भी नहीं बदला जाना चाहिए। छोटे देश को उन्होंने शांति का आधार बताया।

पीटीआई भाषा से मिली जानकारी के अनुसार शोल्ज ने एक बयान को याद दिलाते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र में एक केन्याई राजदूत ने एक बार सुरक्षा परिषद में कहा था कि अफ्रीकी देशों की सीमाएं औपनिवेशिक ताकतों के अधिकारियों ने खींची थीं। ।

शोल्ज ने आगे कहा सार्वभौमिक समझौतों में तय नियमों का पालन सभी को करना चाहिए। इन्हें ताकतवर देशों द्वारा निर्धारित नहीं किए जाने चाहिए। ये रूल ऐसे होने चाहिए कि सब एक साथ विकास करें, जैसा कि संयुक्त राष्ट्र की समुद्री कानून से जुड़ी न्यायायल का मानना है।

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