सुरक्षा एक गंभीर विषय: विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा सुरक्षा और देखभाल हमारा अहम मुद्दा
- ताइवान में बीते दिन आया था भूकंप
- भूकंप से भारी नुकसान
- भारत से लोगों का पहला जत्था इजराइल गया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, "ताइवान में भूकंप आने के बाद वहां मौजूद हमारे 2 लोगों से संपर्क नहीं हो पा रहा था। अब उनसे संपर्क हो गया है। वे लोग सुरक्षित हैं।
आपको बता दें बीते दिन ताइवान की राजधानी ताइपे में 7.2 तीव्रता के भीषण भूकंप से धरती कांपी। बुधवार को आए भीषण भूकंप के जोरदार झटको से पूरा देश दहल गया, भारी तबाही देखने को मिली हुई है। भूकंप इतना भयावह था कि जापान के दो द्वीपों पर सुनामी आ गई। भूकंप से बिजली सप्लाई बाधित हो गई है। ट्रेन सेवाओं को रोक दिया गया था। कई इमारतें ढह गई। कई घर और इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढेर हो गए थे। 25 सालों के ताइवान के इतिहास में इस भूकंप को अब तक सबसे भीषण भूकंप बताया गया।
ताइवान में आए भूकंप के झटके चीन के शंघाई तक महसूस किए गये। शंघाई के साथ साथ भूकंप के झटके चीन के फुझू, शियामेन, झुआनझू और निंगडे में भी महसूस किए गए। 1999 के बाद देश में आया सबसे शक्तिशाली भूकंप था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "इजराइल में हमारे लगभग 18,000 लोग कार्यरत हैं। हमारी एम्बेसी लगातार उनसे संपर्क में है। उनकी सुरक्षा और देखभाल हमारे लिए एक अहम मुद्दा है।
G2G समझौते के तहत भारतीय कामगारों के इजराइल जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "भारत से लोगों का पहला जत्था इजराइल गया है। हमारे लिए उनकी सुरक्षा महत्वपूर्ण है। हमने इजराइली अधिकारियों से भी उनकी सुरक्षा को गंभीरता से लेने का आग्रह किया है।