ओडिशा में बाढ़ जैसे हालात, आपदा राहत टीमें तैनात
- गुरुवार सुबह मुंडुली में महानदी पर लगभग 8.28 लाख क्यूसेक बह रहा पानी
- शाम तक बढ़कर 9.50 लाख क्यूसेक तक पहुंचने की उम्मीद
डिजिटल डेस्क, भुवनेश्वर। तीन दिनों में ओडिशा के विभिन्न हिस्सों में लगातार भारी बारिश के कारण बालासोर, भद्रक, कटक, सोनपुर और क्योंझर सहित कई जिलों के निचले इलाकों में जलभराव हो गया है।
लगातार बारिश के कारण ब्रम्हाणी, बैतरणी और महानदी नदियों में जल स्तर बढ़ गया है, इससे खेतों में पानी भर गया है और बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है।
प्रभावित ब्लॉकों में स्कूल बंद हो गए हैं।
दो पंचायतें (चामुंडिया और रसंगा) नयागढ़ जिले के गनिया ब्लॉक से कटी हुई हैं, लेकिन दासपल्ला की ओर से जुड़ी हुई हैं।
अधिकारियों ने बताया कि जलस्तर में और कमी आने पर 4-5 घंटे बाद सड़क संपर्क बहाल कर दिया जाएगा।
अखुआपाड़ा और आनंदपुर में खतरे के निशान को पार कर चुकी बैतरणी नदी का जलस्तर अब घटने लगा है।
जल संसाधन विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ भक्त रंजन मोहंती ने कहा, सिस्टम में बाढ़ जैसी कोई बड़ी स्थिति नहीं हुई।
उन्होंने बताया कि जेनापुर में ब्राह्मणी का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है, लेकिन यह अभी भी खतरे के निशान के नीचे है।
इसी तरह ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश के कारण महानदी का जलस्तर भी बढ़ रहा है।
मोहंती ने कहा कि गुरुवार सुबह मुंडुली में महानदी पर लगभग 8.28 लाख क्यूसेक पानी बह रहा था, जिसके शाम तक बढ़कर 9.50 लाख क्यूसेक तक पहुंचने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, “हमें महानदी नदी प्रणाली में कम या मध्यम श्रेणी की बाढ़ की उम्मीद है। यह रात हमारे लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आज रात नदी तंत्र में चरम बाढ़ आएगी। इसलिए, हमने क्षेत्र स्तर पर स्थिति पर बारीकी से नजर रखने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को विभिन्न जिलों में शिविर लगाने के लिए तैनात किया है।”
इस बीच, विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) सत्यब्रत साहू ने स्थिति का जायजा लिया और भद्रक, जाजपुर, संबलपुर, क्योंझर, मयूरभंज, अंगुल, सोनपुर, बौध, कंधमाल, बालासोर, कटक, पुरी, खोरधा, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा जिलों में 8 एनडीआरएफ, 13 ओडीआरएएफ और 62 अग्निशमन टीमों की तैनाती का आदेश दिया।
एसआरसी ने जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों को स्थानीय पुलिस के सहयोग से संवेदनशील नदी तटबंधों पर गश्त सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया।
सूत्रों के अनुसार, बुधवार रात तक बालासोर के 1,200 लोगों सहित 3,000 से अधिक लोगों को निकाला गया है।
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