इलेक्टोरल बॉन्ड मामला: सब कुछ करना होगा सार्वजनिक, नहीं छुपा सकते कोई भी जानकारी, एससी की एसबीआई को दो टूक
- सुप्रीम कोर्ट ने फिर किया एसबीआई से सवाल
- क्यो नहीं दिया गया बॉन्ड का यूनिक नंबर
- 21 मार्च तक सभी जानकारी मुहैया करवाने का निर्देश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इलेक्टोरल बॉन्ड मामले पर सुनवाई कर रही चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच ने एक बार फिर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) को खरी खरी सुना दी है। कोर्ट ने पूरी सख्ती बरतते हुए बैंक को इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी सभी जानकारी 21 मार्च को शाम 5 बजे तक सार्वजनिक करने का निर्देश दिया है। बैंक को कोर्ट में इसका हलफनामा भी दायर करना होगा। कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि जैसे ही बैंक जानकरी दे उसे तुरंत अपनी वेबसाइट पर पब्लिश करे। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ किया कि इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित एक भी जानकारी छुपाई नहीं जा सकती है, हर एक जानकारी सार्वजनिक करना अनिवार्य है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से सवाल किया कि अब तक सभी जानकारी सार्वजनिक क्यों नहीं की गई है। कोर्ट ने बैंक से पूछा कि जब इलेक्टोरल बॉन्ड की सूची दी गई तो यूनिक नंबर क्यों नहीं बताए गए? दरअसल, कोर्ट ने यूनिक नंबर बताने के लिए बैंक को सोमवार तक ही समय दिया था। चीफ जस्टिस ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि फैसले में साफ तौर पर इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़े आंकड़े बताने का निर्देश दिया था इसीलिए जानकारी साझा करते समय सेलेक्टिव होने की कोई गुंजाइश नहीं थी। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की तरफ से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने दलील दी कि आदेश को अच्छी तरह समझने में थोड़ा समय लगेगा।
दायर करना होगा हलफनामा
सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई पर एक बार फिर सख्ती अपनाते हुए 21 मार्च को इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी सभी जानकारी कोर्ट को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इसके अलावा बैंक को एक हलफनामा दायर कर के यह बताना होगा कि उसने सारी जानकारी कोर्ट को मुहैया करवाया है और कुछ भी छुपाया नहीं गया है। कोर्ट ने चुनाव आयोग को बैंक की तरफ से दी जाने वाली जानकारी को तुरंत वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश भी दिया है। बैंक को सभी जानकारी कोर्ट में देने का निर्देश देते हुए एससी ने कहा कि हर चीज के लिए हमारे आदेश पर निर्भर रहना सही नहीं है।