राजद सुप्रीमो की बढ़ी मुश्किलें: लैंड फॉर जॉब स्कैम में ईडी का बड़ा एक्शन, लालू-तेजस्वी के करीबी को किया गिरफ्तार
- लैंड फॉर जॉब स्कैम 14 साल पुराना है
- यह घोटाला उस समय का है, जब लालू प्रसाद यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे
- ईडी के मुताबिक, यह घोटाला तकरीबन 600 करोड़ रुपये का है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जमीन के बदले जॉब मामले में लालू प्रसाद की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके बेटे तेजस्वी यादव के करीबी अमित कात्याल को धनशोधन की जांच के मामले में गिरफ्तार कर लिया लिया। सूत्रों के मुताबिक, कात्याल करीब दो महीने से पूछताछ के लिए एजेंसी की तरफ से भेजे गए समन से बच रहे थे। ईडी के अधिकारियों ने उसे धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत दिल्ली से हिरासत में लिया है। प्रवर्तन एजेंसी ने मार्च में कात्याल के परिसरों पर छापा मारा था। उस दौरान लालू प्रसाद, बिहार के वर्तमान उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, उनकी बहनों और अन्य के परिसरों की भी तलाशी ली गई थी।
ईडी के अनुसार, कात्याल लालू के करीबी सहयोगी होने के साथ-साथ ए.के. इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व डायरेक्टर भी हैं। यह कंपनी साउथ दिल्ली में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के एक पते पर रजिस्टर्ड है। इस आवासीय इमारत का इस्तेमाल लालू का परिवार कर रहा था।
क्या है मामला
लैंड फॉर जॉब स्कैम 14 साल पुराना है। यह घोटाला उस समय का है, जब लालू प्रसाद यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे। लालू प्रसाद यादव पर आरोप है कि 2004 से 2009 के बीच भारतीय रेलवे के अलग-अलग क्षेत्रों में समूह डी पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया था और बदले में इन लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री के परिवार के सदस्यों और ए. के. इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर कर दी थी।
सीबीआई ने इस घोटाले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देव और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट भी दाखिल कर दी। ईडी की ओर से दायर आरोप पत्र के मुताबिक यह घोटाला तकरीबन 600 करोड़ रुपये का है।