मुलाकात के मायने: कांग्रेस विधायक के पीछे चंपई सोरेन भी पहुंचे दिल्ली, क्या मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलकर दूर करेंगे विधायकों की नाराजगी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चंपई सरकार के सत्ता में आने के बाद 16 फरवरी को कैबिनेट का विस्तार हुआ। झामुमो और कांग्रेस के गठबंधन की सरकार में कांग्रेस कोटे से पुराने मंत्रियों को नए मंत्रिमंडल में रिपीट किया गया जिसके चलते कांग्रेस के अन्य विधायक नाराज हो गए। झारखंड के 12 कांग्रेस विधायक अपनी नाराजगी के साथ शनिवार को दिल्ली पहुंचे। नाराज विधायक अपनी शिकायत लेकर पार्टी के आला कमान के पास दिल्ली पहुंचे। उनके पीछे झामुमो नेता और झारखंड सीएम चंपई सोरेन भी राष्ट्रीय राजधानी पहुंच गए हैं जहां वह राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करेंगे। ऐसा कहा जा रहा है कि हाइ कमान के साथ मिलकर मुख्यमंधत्री चंपई सोरेन विवाद को जल्द से जल्द सुलझाने की कोशिश करेंगे।
चंपई सोरेन का बयान
मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के दिल्ली पहुंचने के पीछे नाराज कांग्रेस विधायकों को मनाने की कवायद नजर आ रही है। हालांकि, चंपई सोरेन ने इसे साफ तौर पर नकार दिया और विधायकों की नाराजगी को कांग्रेस का अंदरूनी मामला बताया। सीएम ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "यह कांग्रेस पार्टी का अंदरूनी मामला है, वे इसे अपने हिसाब से सुलझा लेंगे। मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना है। झामुमो और कांग्रेस के बीच कोई विवाद नहीं है, सब कुछ बिल्कुल ठीक है।
#WATCH | Delhi: After meeting Congress President Mallikarjun Kharge, Jharkhand Chief Minister Champai Soren says, "After forming the government, I came to Delhi for the first time and it was a courtesy meeting.When asked about the Congress MLAs, he says, "...It is their party's… pic.twitter.com/VBOlduez7C
— ANI (@ANI) February 18, 2024
नाराजगी का कारण
कांग्रेस विधायक मंत्रिमंडल में पार्टी के पुराने मंत्रियों के रिपीट होने से नाराज हैं। अन्य विधायक नए चेहरे को मौका नहीं दिए जाने को लेकर शिकायत कर रहे हैं। झारखंड से 12 नाराज कांग्रेस विधायक दिल्ली पहुंचे हैं। उनका कहना है कि वे पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात कर इस विषय पर चर्चा करेंगे। नाराज विधायक अगर नहीं मानें तो टूट का खतरा भी हो सकता है। विधायकों ने मांग पूरी नहीं होने पर बजट सत्र से दूरी बनाने का ऐलान किया है। अगर ऐसा हुआ तो चंपई सरकार को अनुपूरक बजट और 2024-25 बजट पेश कराने में मुश्किल हो सकती है क्योंकि बजट पास कराने के लिए जरूरी संख्या सरकार के पास नहीं होगी।