नापाक करतूत: कनाडा के हिंदू मंदिर पर खालिस्तानी चरमपंथियों ने किया हमला, घटना से भड़के कनाडाई सांसद बोले - इस बार रेड लाइन क्रास कर दी
- कनाडा के हिंदू मंदिर पर खालिस्तानी आतंकियों का हमला
- घटना पर कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने की आलोचना
- एक्स पर ट्वीट कर लिखी रेड लाइन क्रास होने की बात
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और कनाडा में जारी तनाव के बीच खालिस्तानी चरमपंथियों की बड़ी करतूत सामने आई है। हाल ही में कनाडा के ब्रैम्पटन शहर स्थित हिंदू सभा मंदिर परिसर में हिंदू-कनाडाई भक्तों पर खालिस्तानी चरमपंथियों ने हमला किया है। इस घटना पर कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने कड़े शब्दों में आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि खालिस्तानी चरमपंथियों ने रेड लाइ क्रास कर दी है। कनाडा में खालिस्तानियों की यह घटना हिंसक उग्रवाद के उदय को उजागर करता है।
कनाडाई सांसद ने घटना की निंदा की
इस घटना के बारे में कनाडाई सांसद ने एक्स पर ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने लिखा, "आज कनाडाई खालिस्तानी चरमपंथियों ने एक लाल रेखा पार कर ली है। ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के परिसर के अंदर हिंदू-कनाडाई भक्तों पर खालिस्तानियों की ओर से किया गया हमला दिखाता है कि कनाडा में खालिस्तानी उग्रवाद कितना हिंसक और बेशर्म हो गया है।"
इसके बाद आर्य ने कहा, "मुझे लगता है कि इन रिपोर्टों में थोड़ी सच्चाई है कि कनाडा के राजनीतिक तंत्र के अलावा खालिस्तानियों ने हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों में भी घुसपैठ कर ली है।" इस मामले पर चिंता जाहिर करते हुए कनाडाई सांसद ने कहा कि कनाडा के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कानूनों की खालिस्तानी चरपंथी धज्जियां उड़ा रहे हैं। उन्हें इस तरह की घटना को अंजाम देने के लिए फ्री पास दिया जा रहा है।
एडमॉन्टन में हिंदू मंदिर पर हुए हमले की आलोचना की
कनाडाई सांसद ने कहा, "जैसा कि मैं लंबे समय से कह रहा हूं,हिंदू-कनाडाई लोगों को अपने समुदाय की सुरक्षा और संरक्षा के लिए आगे आना चाहिए और अपने अधिकारों का दावा करते हुए राजनेताओं को जवाबदेह ठहराना चाहिए।"
इस घटना से पहले ही कनाडा सांसद ने खालिस्तानियों की ओर से हिंदू मंदिरों पर किए गए हमलों के खिलाफ शुरू से ही आवाज उठाते आए हैं। इस साल के जुलाई में हिंदू-कनाडाी समुदायों पर निर्देशित हिंसा को लेकर आपत्ति जताई थी। तब उन्होंने एक्स पर लिखा था, "एडमॉन्टन में हिंदू मंदिर BAPS स्वामीनारायण मंदिर में फिर से तोड़फोड़ की गई है।पिछले कुछ वर्षों के दौरान, ग्रेटर टोरंटो एरिया, ब्रिटिश कोलंबिया और कनाडा के अन्य स्थानों में हिंदू मंदिरों को नफरत से तोड़ दिया जा रहा है।"