हरियाणा विधानसभा चुनाव: आज जारी हो सकती है BJP की पहली कैंडिडेट लिस्ट, इन चेहरों पर लग सकती है मुहर
- हरियाणा चुनाव के लिए बीजेपी की तैयारी तेज
- बीजेपी की राह नहीं आसान
- कुछ पूर्व मंत्रियों को मिल सकता है मौका
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद सभी दलों की तैयारियां तेज हो गई हैं। ऐसे में आज (बुधवार) भारतीय जनता पार्टी करीब 50 सीटों के लिए अपनी पहली कैंडिडेट लिस्ट जारी कर सकती है। बीजेपी ऐसे चेहरों का चयन करने में लगी हुई है जो पार्टी को जीत दिला सकें। भाजपा अपनी प्रथम सूची में कुछ पूर्व मंत्रियों को भी मौका दे सकती है। आपको बता दें कि, हाल ही में बीजेपी चुनाव समिति की मीटिंग में कुछ नेताओं के नामों पर बातचीत भी हुई थी।
इन नेताओं को मिल सकता है मौका
हरियाणा में 90 विधानसभा सीटें हैं। राज्य में बीजेपी की सत्ता पिछले 5 सालों से है। ऐसे में पार्टी इस साल भी जीतने के लिए पूरा जोर लगा रही है। पार्टी उन चेहरों को फिर से मौका दे सकती है जिनपर पहले भी भरोसा जताया था। बीजेपी की पहली लिस्ट में लगभग 21 पूर्व मंत्रियों के नाम शामिल हो सकते हैं। इनमें पलवल से गौरव गौतम, बल्लभगढ़ से मूलचंद शर्मा, लाडवा से नायब सिंह सैनी, पलवल से गौरव गौतम, फरीदाबाद ओल्ड से विपुल गोयल, रेवाड़ी से मंजू यादव, नांगल से चौधरी अभय सिंह यादव, होडल से हरेंद्र राम रतन, अटेली से आरती राव, बावल से संजय मेहरा, जगाधरी से कंवर पाल गुर्जर, अंबाला सिटी से असीम गोयल, तोशाम से श्रुति चौधरी, तिगांव से राजेश नागर, लोहारू से जेपी दलाल, जींद से महिपाल डांडा, पानीपत से प्रमोद विज, अंबाला कैंट से अनिल विज, सोहना से तेजपाल तंवर, जींद से कृष्ण मिड्डा, थानेसर से सुभाष सुधा और पृथला से दीपक डागर का नाम शामिल हो सकता है।
BJP की मुश्किलें
भारती जनता पार्टी के लिए हरियाणा विधानसभा चुनाव की राह आसान नहीं होगी। दरअसल, बीजेपी को पहले ही किसान आंदोलन के चलते जाट मतों का भारी नुकसान झेलना पड़ा था। इसका असर लोकसभा चुनाव में साफ-साफ देखने को मिला।
बता दें कि, लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने 27 फीसदी जाट वोट हासिल किए। वहीं, 23 फीसदी वोट हाथ से चले गए। इस साल भाजपा को कुल 5 सीटों का नुकसान हुआ। दूसरी ओर कांग्रेस की बात करें तो पार्टी ने 64 फीसदी जाट वोट हासिल किए और उन्हें 31 फीसदी का फायदा हुआ। आपको बता दें कि, हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से 36 सीटों पर सीधे तौर पर जाट वोट बैंक का दबदबा है। जो कि बहुमत के आंकड़े से 10 सीट कम है। ऐसे में कहा जा सकता है कि अगर, जो पार्टी जाट वोट बैंक को साधने में कामयाब रही वह सत्ता की चाभी पा सकती है।